महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव 2022 में ऐसा होगा आंकड़ों का गणित

कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार की जीत शिवसेना के इन्हीं अतिरिक्त वोटों पर निर्भर करती है. इसके लिए महाविकास आघाड़ी इस बात पर विशेष ध्यान देगी के किस तरह से वोटों को सही तरीके से संतुलित करना है.

कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार की जीत शिवसेना के इन्हीं अतिरिक्त वोटों पर निर्भर करती है. इसके लिए महाविकास आघाड़ी इस बात पर विशेष ध्यान देगी के किस तरह से वोटों को सही तरीके से संतुलित करना है.

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Pradeep Singh
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महाराष्ट्र विधान भवन( Photo Credit : News Nation)

सोमवार को होनेवाला महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में 10 सीटों के लिए 11 उमीदवार मैदान में होंगे. महाराष्ट्र में हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव की तरह विधान परिषद चुनाव भी निर्विरोध न होते हुए विधायक वोटिंग कर करेंगे. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि विधान परिषद में राज्यसभा चुनाव की तरह मतदान नहीं होगा.विधान परिषद का मतदान गुप्त रूप से होगा. इसलिए सत्तारूढ़ महाविकास आघाड़ी के साथ विपक्षी भाजपा ने भी अपने विधायकों को होटलों में सुरक्षित रखा है. इस गुप्त मतदान की वजह महा विकास आघाड़ी के साथ साथ ही अब भाजपा पर भी वोटरों के बंटवारे का खतरा मंडरा रहा है.

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राज्यसभा चुनाव में भी महाविकास आघाड़ी के समर्थन वाले निर्दलीय विधायक बंट गए थे जिसका सीधा फायदा भाजपा उम्मीदवारों को जीत दिलाने में हुआ. महाविकास आघाड़ी के तीनों दलों के सामने अब यही निर्दलीय विधायक का भरोसा बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है.

महाविकास आघाड़ी के सबसे मजबूत दलों की ताकत पर बात की जाए तो शिवसेना और एनसीपी दोनों उम्मीदवार के जीत के रास्ते पर ज्यादा खतरा नहीं है. वहीं कांग्रेस के दो उम्मीदवारों में से एक उमीदवार को आसानी से जीत मिलेगी लेकिन कांग्रेस के दूसरे पायदान के उम्मीदवार के लिए जीत का रास्ता इतना आसान नहीं है.

कांग्रेस के दूसरे उमीदवार के लिए पहली पसंद के 10 वोट पाने होंगे. शिवसेना के पास कांग्रेस को यह एक्स्ट्रा वोट देने के लिए आवश्यक वोट हैं. शिवसेना के पास छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों के कुल 10 अतिरिक्त वोट हैं.

कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार की जीत शिवसेना के इन्हीं अतिरिक्त वोटों पर निर्भर करती है. इसके लिए महाविकास आघाड़ी इस बात पर विशेष ध्यान देगी के किस तरह से वोटों को सही तरीके से संतुलित करना है.

वहीं दूसरी ओर भाजपा के पास इतनी ताकत है कि भाजपा अपने 4 उम्मीदवारों को आसानी से जीत दिला सकती है. हालांकि, पांचवें उम्मीदवार को निर्वाचित करने के लिए भाजपा को राज्यसभा की तरह राजनीतिक कुशलता का उपयोग करना होगा.

भाजपा के पास छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के 8 अतिरिक्त वोट भी हैं..राज्यसभा चुनाव में भाजपा 9 विधायकों के वोट हासिल करने में में कामयाब रही थी. यही राज्यसभा का फार्मूला विधान परिषद में भी दोहराने भाजपा कामयाब होती है तो उनके खाते में कुल 123 वोट मिलेंगे.

भाजपा को अपने पांचवे उमीदवार को निर्वाचित करने के 7 वोटों की की कमी है. और इसी को पूरा करने के लिए भाजपा महाविकास आघाड़ी के 7 वोट हासिल करने की कोशिश में है. तभी भाजपा के सभी पांच उम्मीदवारों के लिए 130 वोटों की जादुई संख्या तक पहुंच सकती है.

भाजपा के प्रत्याशी

  1. प्रवीण दरेकर
  2. श्रीकांत भारतीय
  3. राम शिंदे
  4. उमा खापरे
  5. प्रसाद लाड

* 106 भाजपा विधायक + छोटे दलों और निर्दलीय के 8 विधायक + 9 = 123 विधायक राज्यसभा चुनाव में (8 और वोट पांचवें उम्मीदवार को जीतने के लिए आवश्यक हैं।)

शिवसेना के प्रत्याशी

  1. सचिन अहिर
  2. आमश्या पाडवी

शिवसेना विधायक 55+ छोटी पार्टी और निर्दलीय विधायक 10=65 विधायक

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी

  1. रामराजे नाईक निंबालकर
  2. एकनाथ खडसे

* एनसीपी के विधायक 51 + निर्दलीय 3 = 54 (एमआईएम के एक विधायक ने एनसीपी को समर्थन देने की घोषणा की है।)

कांग्रेस के प्रत्याशी

  1. चंद्रकांत हंडोरे
  2. भाई जगताप

कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं. उन्हें दूसरे उम्मीदवार को जीतने के लिए 10 वोट चाहिए.

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