Political Family In Maharashtra Elections: महाराष्ट्र विधानसधा की 288 सीटों पर मतगणना जारी है. मौजूदा रुझान की मानें तो महायुति भारी मतों से जीत दर्ज करती नजर आ रही है. बता दें कि 20 नंबर को प्रदेश के सभी विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ था. सभी उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला आज होने वाला है. महाराष्ट्र में महायुति बनाम महाविकास अघाड़ी के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही थी, लेकिन महायुति 288 सीटों में से 217 सीटों पर बढ़त बना चुकी है. वहीं, इस विधानसभा चुनाव के नतीजे ना सिर्फ राजनीतिक पार्टियों बल्कि प्रदेश में कई परिवारों का राजनीतिक भविष्य भी तय करेगा.
महाराष्ट्र में एक दो नहीं बल्कि तीन राजनीतिक परिवारों का दबदबा है, जो प्रदेश में किसी भी सरकार को बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखते हैं. इन परिवारों में ठाकरे, पवार और मुंडे शामिल है.
ठाकरे परिवार
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ठाकरे परिवार को प्रदेश में सबसे शक्तिशाली परिवारों में गिना जाता है. प्रदेश में किसी भी पार्टी की सरकार बनाने में इस परिवार ने अहम भूमिका निभाई है. बाल ठाकरे ने शिवसेना की स्थापना की थी. पहले तो राजनीति के बाहर बैठकर ही ठाकरे परिवार प्रदेश में सरकार बनाने का काम करते थे, लेकिन ठाकरे परिवार से उद्धव ठाकरे पहले ऐसा नेता थे, जिन्होंने महाराष्ट्र की कमान संभाली.
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बाल ठाकरे ने अपने बेटे उद्धव ठाकरे को अपना वारिस घोषित करते हुए शिवसेना की कमान सौंपी. इससे पहले तक सभी को ऐसा लगता था कि बाल ठाकरे के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाले राज ठाकरे को वह अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस घोषणा के बाद राज ठाकरे भी नाराज नजर आए और उन्होंने शिवसेना का साथ छोड़ दिया. राज ठाकरे ने अपनी खुद की पार्टी MNS बनाया. दोनों भाई ने इसके बाद अपनी अलग राजनीति की, लेकिन महाराष्ट्र में ठाकरे परिवार का दबदबा बना रहा.
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इस विधानसभा चुनाव में दोनों भाई आमने सामने हैं. उद्धव ठाकरे के सामने इस चुनाव में ना सिर्फ खुद को बाल ठाकरे की विरासत बल्कि खुद को असली शिवसेना भी साबित करना है क्योंकि 2022 में शिवसेना दो गुटों में बंट गई. एक उद्धव ठाकरे की शिवसेना और एक एकनाथ शिंदे की शिवसेना.
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हालांकि चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे को असली शिवसेना बताया लेकिन उद्धव ठाकरे ने उनके इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इस बीच विधानसभा चुनाव में खुद को असली शिवसेना साबित करना भी उनके लिए एक अग्निपरीक्षा की तरह है. इस विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे वर्ली सीट से दूसरी बार चुनावी मैदान में उतरे हैं तो वहीं राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने माहिम विधानसभा सीट से राजनीति करियर की शुरुआत की है.
पवार परिवार
महाराष्ट्र में एनसीपी का सियासत में महत्वपूर्ण योगदान रहा है. एनसीपी में चाचा-भतीजे की जोड़ी ने कई बार कमाल किया. हालांकि 2023 में शिवसेना की तरह एनसीपी भी दो गुटों में विभाजित हो गई. एक गुट चाचा शरद पवार की और दूसरी अजित पवार की. एनसीपी (शरद पवार) और एनसीपी (अजित पवार) दोनों ही पवार परिवार की सियासत को आगे बढ़ा रहे हैं. एनसीपी के दो गुटों में बंटने के बाद से चाचा-भतीजे दोनों खुद को असली एनसीपी साबित करने में जुटे हुए हैं.
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2024 लोकसभा चुनाव में एनसीपी (शरद पवार) को जनता का साथ मिला और पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया. वहीं, इस विधानसभा चुनाव में प्रदेश में अपनी-अपनी पार्टी की धाक जमाए रखने के यह चुनाव बहुत जरूरी मानी जा रही है. बारामती सीट से खुद अजित पवार चुनावी मैदान में हैं तो शरद पवार ने इस सीट से अपने भतीजे युगेंद्र पवार को उतारा है. यानि कि बारामती सीट पर भतीजा बनाम भतीजा की लड़ाई है. इसके अलावा पवार फैमिली का एक और सदस्य चुनावी मैदान में है.
मुंडे परिवार
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महाराष्ट्र के कद्दावर नेताओं में शामिल गोपीनाथ मुंडे के निधन के बाद उनकी बेटी पंकजा मुंडे ने अपने पिता की राजनीति विरासत को बनाए रखा है. मुंडे परिवार की बेटी पंकजा मुंडे के चचेरे भाई धनंजय मुंडे इस विधानसभा चुनाव में परली सीट से चुनावी मैदान मैदान में हैं. बीजेपी नेता पंकजा मुंडे के भाई एनसपी (अजित पवार) में हैं. हालांकि परली सीट पर मुंडे परिवार का गढ़ माना जाता है. इस चुनाव के नतीजे इन परिवारों के आगे की राजनीति तय करेगी.