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शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में की राहुल गांधी की जमकर तारीफ, ये है वजह

महाराष्ट्र में सियासी उठापटक तेज हो गई है. एक तरफ जहां बीजेपी के इंकार के बाद राज्यपाल भगत सिंह केशयारी ने शिवसेना को बहुमत साबित करने के लिए कहा है तो वहीं दूसरी तरफ एनसीपी कांग्रेस ने भी शिवसेना के सामने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ एनडीए से बाहर आने की शर्त रखी है

Updated on: 11 Nov 2019, 08:24 AM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में सियासी उठापटक तेज हो गई है. एक तरफ जहां बीजेपी के इंकार के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना को बहुमत साबित करने के लिए कहा है तो वहीं दूसरी तरफ एनसीपी कांग्रेस ने भी शिवसेना के सामने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ एनडीए से बाहर आने की शर्त रखी है. ऐसे में सबकी निगाहें इस वक्त शिवसेना पर टिकीं हुई हैं. इस बीच शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सराहना की है. सामना में लिखा गया है, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने अत्यंत शालीनता से स्वागत किया है. अयोध्या का निर्णय देश की सर्वोच्च न्यायालय ने दिया है. उस निर्णय का सम्मान करेंगे, ऐसा राहुल गांधी ने कहा है. यह सामंजस्यपन है.'

दरअसल महारष्ट्र में इस वक्त जिस तरह की सियासी हलचल देखने को मिल रही है,उसमें किसी के भी छोटे से छोटे बयान के ढेरों मायने निकाले जा रहे हैं. ऐसें शिवसेना के मुखपत्र सामना में राहुल गांधी की तारीफ होने से भी चर्चाएं शुरू हो गई है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या इसका मतलब ये है कि शिवसेना कांग्रेस-एनसीपी की शर्त मान एनडीए से बाहर आएगी और सरकार बनाएगी या फिर पार्टी कुछ और ही सोच रही है. 

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बता दें, राज्यपाल ने शिवसेना को सोमवार शाम 7 बजे तक बहुमत साबित करने के लिए कहा है. ऐसे में आज शिवसेना नेता एनसीपी चीफ शरद पवार से मुलाकात करेंगें. वहीं दूसरी तरफ सुबह 9.30 बजे शिवसेना विधायकों की बैठक होगी जिसमें पार्टी के अगले कदम के बारे में चर्चा होगी. इससे पहले हुई विधायक दलों की बैठक में शिवसेना के विधायकों ने 50-5- फॉर्मूले पर अड़े रहते हुए उद्धव ठाकरे पर अंतिम फैसला छोड़ दिया था. 

बता दें कि महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को बहुमत हासिल हुआ है और दोनों में से कोई दल अकेले सरकार नहीं बना सकता. ऐसे में शिवसेना को सरकार गठन के लिए कांग्रेस-एनसीपी के समर्थन की जरूरत होगी. चुनाव में बीजेपी ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की है. राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है. ऐसे में शिवसेना को न सिर्फ एनसीपी बल्कि कांग्रेस को भी सरकार बनाने के लिए साथ में लेना होगा.

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प्रदेश में बीजेपी-शिवसेना के बजाय बहुदलीय सरकार बनने को अग्रसर है. राज्य में मिली जुली सरकार बनेगी. कांग्रेस, एनसीपी (NCP) और शिवसेना की सरकार बनेगी. इस बीच एनसीपी नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर गवर्नर (Governor) शिवसेना (Shiv Sena) को सरकार बनाने का दावा करने के लिए आमंत्रित करते हैं, तो हम अपने अगले कदम के बारे में सोचेंगे. अभी हमें शिवसेना से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. अंतिम निर्णय कांग्रेस (Congress) और राकांपा मिलकर लेगी.