संजय राउत का दावा- अगले 5-6 दिनों में लोगों के सामने होगी मजबूत सरकार

उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र में दिसंबर से पहले एक मजबूत और लोकप्रिय सरकार बन जाएगी. इसकी प्रकिया अभी से चल रही है.

उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र में दिसंबर से पहले एक मजबूत और लोकप्रिय सरकार बन जाएगी. इसकी प्रकिया अभी से चल रही है.

author-image
Aditi Sharma
एडिट
New Update
संजय राउत का दावा- अगले 5-6 दिनों में लोगों के सामने होगी मजबूत सरकार

संजय राउत( Photo Credit : फाइल फोटो)

महाराष्ट्र में सत्ता की चाबी किसके हाथ होगी इस बात का फैसला अभी तक नहीं हो पाया है. विधानसभा चुनावों को एक महीना हो चुका है लेकिन अभी तक पार्टियां किसी भी फैसले पर पहुंचने में असफल दिखाई दे रही है. एक तरफ जहां कांग्रेस और एनसीपी के बीच लगातार बैठकों का दौर जारी है तो वहीं शिवसेना भी एनसीपी-कांग्रेस को मनाने की हर संभव कोशिश कर रही है. इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत का बयान सामने आया है. उन्होंने दावा किया है कि अगले 5-6 दिनों में महाराष्ट्र में सरकार बनने की प्रकिया पूरी हो जाएगी. उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र में दिसंबर से पहले एक मजबूत और लोकप्रिय सरकार बन जाएगी. इसकी प्रकिया अभी से चल रही है.

Advertisment

बता दें, संजय राउत का ये बयान ऐसे समय में सामने आया है जब एक तरफ जहां एनसीपी और कांग्रेस नेताओं की एक अहम बैठक होने वाली है तो वहीं एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार आज यानी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने वाले हैं. जानकारी के मुताबिक एनसीपी चीफ दोपहर 12.40 पर पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे. महाराष्ट्र में जारी गहमा गहमी के बीच दोनों नेताओं के बीच की ये मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है. बताया जा रहा है कि शरद पवार किसानों के मुद्दे को लेकर पीएम मोदी से मिलेंगे लेकिन जानकारों का कहना है कि किसानों के बहाने इस बैठक में महारष्ट्र में चल रहे सियासी माहौल पर भी चर्चा हो सकती है. वहीं दूसरी तरफ शिवसेना भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकती है. वह पीएम मोदी से मुलाकात के लिए अलग से समय मांग सकती है. 

यह भी पढ़ें: किसानों के बहाने आज पीएम नरेंद्र मोदी की होगी शरद पवार से मुलाकात, क्या महाराष्ट्र में बन जाएगी बात

बता दें, महाराष्‍ट्र में 21 अक्‍टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में कुल 288 सीटों में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56 सीटें हासिल हुई थी. चुनाव पूर्व गठबंधन होने से दोनों दलों को मिलाकर पूर्ण बहुमत मिल गया था, लेकिन शिवसेना की ढाई-ढाई साल के लिए मुख्‍यमंत्री की मांग से बात बिगड़ गई और शिवसेना एनडीए से अलग हो चुकी है. दूसरी ओर, कांग्रेस और एनसीपी ने क्रमश: 44 और 54 सीटें जीती थीं. 19 दिन तक सरकार नहीं बनी तो राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने पिछले हफ्ते मंगलवार को राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी थी, जो उसी दिन लागू भी हो गया था.

राष्‍ट्रपति शासन लागू होने से पहले और बाद में शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस से समर्थन के लिए संपर्क साधा था. बीजेपी और शिवसेना के अलग हो जाने के बाद शरद पवार किंगमेकर की भूमिका में आ गए हैं. अगर वे बीजेपी के साथ गए तो बहुमत का आंकड़ा पूरा हो जाएगा, लेकिन अगर वे शिवसेना के साथ गए कांग्रेस का साथ लेना भी जरूरी हो जाएगा. इसमें कांग्रेस के साथ के अलावा उसकी मांगों को पूरा करने की चुनौती भी शिवसेना-एनसीपी के कंधों पर होगी.

यह भी पढ़ें: झारखंड चुनाव : डैमेज कंट्रोल पर काम कर रही बीजेपी, दिग्गजों के सहारे 'दंगल' जीतने की तैयारी

इसके अलावा बीजेपी के साथ एनसीपी जाती है तो केंद्र में मंत्री पद मिलना पक्‍का होगा, वहीं राज्‍य में भी अपना प्रभाव और मजबूत करने में एनसीपी को मदद मिलेगी. जाहिर सी बात है कि राजनीति के मजे हुए खिलाड़ी शरद पवार कोई भी फैसला लेने से पहले नफा-नुकसान, मुनाफा-घाटा को भी ध्‍यान में रखेंगे. अब एनसीपी बीजेपी के साथ जाएगी या शिवसेना के साथ, यह केवल शरद पवार ही जानते हैं. केवल शरद पवार तय करेंगे कि आने वाले दिनों में महाराष्‍ट्र की राजनीति, एनसीपी की राजनीति किस करवट बैठेगी, यह केवल शरद पवार ही जानते हैं.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

maharashtra Sanjay Raut ShivSena
      
Advertisment