महाराष्ट्र में अब शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस का गठबंधन लगभग फाइनल हो चुका है. कुछ ही समय में महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर तीनों पार्टियों के बीच से पर्दा हट जाएगा. अब एक बात लगभग साफ हो चुकी है कि बीजेपी और शिवसेना की राह अलग हो चुकी है. शिवसेना के सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि शिवसेना को भगवान इंद्र के सिंहासन का प्रस्ताव मिले तब भी वह भाजपा के साथ नहीं आएगी. राउत ने कहा कि कांग्रेस और राकांपा के साथ वाला त्रिदलीय गठबंधन जब सत्ता में आएगा तब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद उनकी पार्टी को ही मिलेगा.
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बीजेपी के साथ अब जाने का कोई सवाल नहीं
अटकलें थी कि भाजपा मुख्यमंत्री पद शिवसेना के साथ साझा करने को तैयार है. इस बारे में सवाल पर राउत ने कहा, ‘‘प्रस्तावों के लिए वक्त अब खत्म हो चुका है. महाराष्ट्र की जनता शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहती है.’’ यह पूछे जाने पर क्या तीनों गैर भाजपा दल शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात करेंगे, इस पर राउत ने कहा, ‘‘जब राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है तो ऐसे में राज्यपाल से मुलाकात क्यों करेंगे.’’
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कई मुद्दों पर अभी भी असहमति
सूत्रों का कहना है कि तीनों दलों के बीच विभागों को लेकर अभी अंतिम फैसला नहीं हो पाया है. कांग्रेस नई सरकार में बराबर-बराबर (14-14-14) विभाग की बात कर रही है. मुंबई में शिवसेना के साथ होने वाली बैठक में इस पर बातचीत हो सकती है. साथ ही एनसीपी ने अभी तक रोटेशनल मुख्यमंत्री पद के लिए जोर नहीं दिया है, हालांकि कहा जा रहा है कि कांग्रेस चाह रही है कि रोटेशनल सीएम की व्यवस्था हो.
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यहां टकरा सकते हैं हित
शिवसेना शहरी विकास मंत्रालय, पीडब्लूडी, गृह, शिक्षा (हायर टेक्निकल, मेडिकल और स्कूल) और ग्रामीण विकास मंत्रालय अपने पास रखना चाहती है. कांग्रेस भी शहरी विकास मंत्रालय भी अपने पास रखना चाहती है. एनसीपी और कांग्रेस दोनों स्पीकर का पद अपने हिस्से में रखना चाह रही हैं. एनसीपी गृह, वित्त, पीडब्लूडी, जल संसाधन और ग्रामीण विकास मंत्रालय पर नजर गड़ाए हुए है तो कांग्रेस वित्त, ग्रामीण विकास और रेवेन्यू जैसे मंत्रालय अपने पास रखना चाहती है.
Source : Bhasha