आज महाराष्ट्र के राज्यपाल से मिलेंगे शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के नेता, अटकलों का बाजार गर्म
राजनीतिक जानकार राज्यपाल से इन नेताओं की मुलाकात को अहम मान रहे हैं. यह भी कहा जा रहा है कि राज्यपाल से मुलाकात के दौरान शिवसेना के नेता सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे.
नॉएडा:
महाराष्ट्र (Maharashtra) में लंबे चले सियासी ड्रामे के बीच आज शनिवार को शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस (Shiv Sena-NCP-Congress) के नेता संयुक्त रूप से राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी (Governor Bhagat Singh Koshiyari) से मिलेंगे. तीनों दलों के नेताओं की ओर से कहा गया है कि इस में मुलाकात में भारी बारिश से प्रभावित किसानों को तत्काल राहत उपलब्ध कराने को लेकर चर्चा की जाएगी, लेकिन राजनीतिक जानकार राज्यपाल (Governor) से इन नेताओं की मुलाकात को अहम मान रहे हैं. यह भी कहा जा रहा है कि राज्यपाल से मुलाकात के दौरान शिवसेना के नेता (Shiv Sena Leaders) सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे.
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एक दिन पहले खबर आई थी कि राज्य में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के बीच सरकार बनाने का फॉर्मूला तय हो गया है. तय फार्मूले के तहत पूरे पांच साल के लिए मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा तो गृह मंत्रालय एनसीपी के खाते में आएगा. कांग्रेस के हिस्से में विधानसभा अध्यक्ष का पद रहेगा. यह भी तय हुआ है कि शिवसेना और एनसीपी के 14-14 मंत्री होंगे तो कांग्रेस के 12 विधायकों को मंत्री पद का ताज मिलेगा. शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की ओर से यह भी कहा जा रहा है कि यह सरकार पूरे पांच साल चलेगी.
तीनों दलों के नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत के बाद कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर सहमति बन गई है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है और राज्य में जो भी सरकार बनेगी वो 5 साल तक चलेगी. पवार ने महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव की आशंकाओं को भी खारिज कर दिया. इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि महाराष्ट्र में 5 साल नहीं, बल्कि 25 साल के लिए शिवसेना की सरकार होनी चाहिए.
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महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को विधानसभा की 288 सीटों के लिए हुए चुनाव में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56 सीटें हासिल हुई थी. चुनाव पूर्व गठबंधन होने से दोनों दलों को मिलाकर पूर्ण बहुमत हासिल हो गया था, लेकिन शिवसेना की ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री की मांग ने दोनों दलों में खटास पैदा कर दी और गठबंधन टूट गया है. यहां तक कि मोदी सरकार में शिवसेना की ओर से एक मात्र मंत्री अरविंद सावंत ने भी इस्तीफा दे दिया. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी ने क्रमश: 44 और 54 सीटें जीती थीं. 19 दिन तक कोई भी सरकार नहीं बना पाया तो राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मंगलवार को राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी, जो उसी दिन लागू भी हो गया था.
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