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उद्धव ठाकरे मंत्रिमंडल में उठापटक शुरू, शिवसेना के मंत्री अब्दुल सत्तार ने दिया इस्तीफा

शिवसेना के एकमात्र मुस्लिम मंत्री अब्दुल सत्तार ने शनिवार को अपने राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपना इस्तीफा भेज दिया है.

Updated on: 04 Jan 2020, 12:06 PM

मुंबई:

महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार में सबकुछ सही नहीं चल रहा है. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद से ही लगातार मंत्री पद न मिलने पर विधायकों की नाराजगी की खबरें सामने आ रही थी. शिवसेना के एकमात्र मुस्लिम मंत्री अब्दुल सत्तार ने शनिवार को अपने राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपना इस्तीफा भेज दिया है. बताया जा रहा है कि कैबिनेट मंत्री पद नहीं मिलने के कारण अब्दुल सत्तार नाराज चल रहे थे. 

महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद से ही मंत्री पद की कलह खुलकर सामने आने लगी है. कोई मंत्री न बनाए जाने से नाराज है तो कोई कैबिनेट मंत्री का पद न मिलने के कारण अपनी नाराजगी जाहिर कर रहा है. इस इसमें नया नाम अब्दुल सत्तार का भी जुड़ गया है. शिवसेना के एकमात्र मुस्लिम मंत्री अदुब्ल सत्तार कैबिनेट मंत्री का पद चाह रहे थे. मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें राज्यमंत्री का पद दिया गया. इसी के नाराज होकर उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया है. खबर है कि उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेज दिया है. 

कौन हैं अब्दुल सत्तार

अब्दुल सत्तार महाराष्ट्र के सिल्लौड़ से विधायक हैं. 2019 में वह कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में शामिल हुए थे. 2014 में महाराष्ट्र में कांग्रेस सरकार में मंत्री बने. उन्हें उद्धव ठाकरे का करीबी माना जाता है. 
2001 में पहली बार विधायक चुने गए. वह सिल्लौड़ के मेयर भी रह चुके हैं. 

इससे पहले 'सामना' के संपादकीय में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए लिखा गया है, 'कांग्रेस में प्रणिति शिंदे को मंत्री पद नहीं मिला. वह कर्तव्‍यवान हैं और मंत्री पद के लिए योग्‍य भी, लेकिन कांग्रेस के हिस्‍से में जो 12 का कोटा (मंत्री पद) आया उसमें उनका नाम नहीं था. ऐसे में उनके समर्थकों ने नाराज होकर सोनिया व राहुल गांधी को खून से पत्र भी लिखा. कांग्रेस से शिंदे परिवार का खून का रिश्‍ता है. गांधी परिवार के चलते ही सुशील कुमार शिंदे महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री से लेकर देश के गृह मंत्री भी रहे. यह प्रणिति शिंदे को समझना चाहिए और खून को व्‍यर्थ में बर्बाद करने की बदले अगले राजनीतिक युद्ध के लिए सुरक्षित रखना चाहिए.'