Maharashtra Home Ministry: महाराष्ट्र की सियासत की चर्चा देशभर में हो रही है. प्रचंड जीत के बाद भी महायुति में ऑल इज नोट वेल दिख रहा था, तो दूसरी तरफ महाविकास अघाड़ी में भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. 23 नवंबर को जब से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा की गई है तब से सिर्फ एक ही सवाल उठ रहा है कि आखिर महायुति में अगला सीएम कौन होगा? हालांकि बीजेपी सबसे ज्यादा विधायक के साथ प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बनी.
महाराष्ट्र में महायुति के बीच 'ऑल इज वेल'
इसके बाद से ही बीजेपी के कार्यकर्ता देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने की मांग करने लगे तो दूसरी तरफ शिवसेना के कार्यकर्ता एकनाथ शिंदे को दोबारा से सीएम बनाने की मांग उठाने लगे. शिंदे गुट का कहना था कि उनकी लाडली बहन योजना की वजह से प्रदेशवासियों और महिलाओं ने महायुति को प्यार दिया.
यह भी पढ़ें- मंगलवार को साफ हो गई महाराष्ट्र सरकार की तस्वीर, फडणवीस बनेंगे CM तो शिंदे को मिलेगा ये पद
बीजेपी के पास रहेगा गृहमंत्रालय
तमाम मांगों के बीच एक चीज तो तय हो गई कि मुख्यमंत्री बीजेपी खेमे से ही बनेगा. महायुति गठबंधन में शामिल तीन दल बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी तीनों ही इस बात के लिए मान गए. एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने पहले ही अपना समर्थन मुख्यमंत्री पद के लिए फडणवीस को दे दिया. इन सबके बीच शिंदे सीएम पद छोड़ने के लिए तो तैयार हो गए, लेकिन कुछ शर्तों के साथ. एकनाथ शिंदे ने सीएम पद के बदले महायुति में 9 विभागों की मांग रख दी. वहीं, दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के लिए भी महायुति के तीनों नेता पहुंचे और करीब तीन घंटे तक अमित शाह से इनकी मुलाकात हुई. इस मुलाकात के बाद सभी नेता महाराष्ट्र वापस लौट गए.
5 दिसंबर को फडणवीस लेंगे सीएम पद की शपथ!
वहीं, शिंदे मुंबई की जगह अपने पैतृक गांव सितारा चले गए. वहां, दो दिन रहने के बाद वह मुंबई पहुंचे. इस बीच शिंदे की नाराजगी की खबरें भी सामने आने लगी. अब नई जानकारी जो सामने आ रही है, उसके अनुसार शिंदे की नाराजगी दूर हो चुकी है. महायुति की नई सरकार में गृहमंत्रालय बीजेपी के पास ही रहेगी. वहीं, शहरी विकास मंत्रालय शिवसेना को दी जा रही है. 5 दिसंबर को महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह है. इसे लेकर तैयारी शुरू हो चुकी है.