केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार नौ दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे. पार्टी ने रविवार को यह जानकारी दी. राकांपा के प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री पवार किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर राष्ट्रपति को देश के हालात से अवगत कराएंगे.
राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर डटे हजारों किसानों के प्रतिनिधियों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आठ दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. सितंबर में संसद के मानसून सत्र के दौरान कृषि विधेयकों को राज्यसभा में पेश किए जाने के दौरान राकांपा के सदस्य सदन छोड़कर चले गए थे.
किसान आंदोलन पर शरद पवार ने जताई चिंता, कहा- जल्द समाधान नहीं हुआ तो...
आपको बता दें कि इससे पहले एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि अगर जल्द से जल्द समाधान नहीं हुआ तो देशभर के किसान पंजाब-हरियाणा के किसानों के साथ आंदोलन में शामिल हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा के किसान गेंहू और धान के मुख्य उत्पादक हैं और वे प्रदर्शन कर रहे हैं. अगर स्थिति का समाधान नहीं किया गया तो जल्द ही देशभर के किसान उनके साथ शामिल हो जाएंगे.1 जब बिल पास किया जा रहा था, हमने सरकार से गुजारिश की थी कि उन्हें जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए.
चर्चा की जरूरत थी
शरद पवार ने कहा कि बिल को चयन समिति के पास भेजा जाना चाहिए था और उस पर चर्चा की जरूरत थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और बिल पास कर दिया गया. अब सरकार को वही जल्दबाजी भारी पड़ रही है. इससे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री और तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव ने किसानों के भारत बंद को समर्थन दिया है. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार कृषि कानूनों को रद्द नहीं करती, तब तक लड़ाई जारी रखने की जरूरत है.
Source : News Nation Bureau