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NCP ने शिवसेना को दिया बड़ा झटका, शरद पवार बोले- हम विपक्ष में ही रहेंगे, उद्धव ठाकरे से...

महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए (Maharashtra Government) राजनीतिक पार्टियों में चल रही खींचतान के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने शिवसेना को बड़ा झटका दिया है.

Updated on: 06 Nov 2019, 04:48 PM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए (Maharashtra Government) राजनीतिक पार्टियों में चल रही खींचतान के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा कि राज्य में सरकार बनाने के लिए एकमात्र व्यवहार्य विकल्प भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना है. पवार ने कहा, "भाजपा-शिवसेना 25 साल से सहयोगी हैं. उन्हें राज्य को नई सरकार देने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए. जनता ने राकांपा-कांग्रेस को विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है और हम इसके लिए तैयार हैं."

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परोक्ष रूप से शिवसेना के रुख का समर्थन करते हुए शरद पवार ने कहा कि वह राज्य में शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार को देखने के लिए उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं. बुधवार को यहां एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार गठन के मुद्दे पर शिवसेना की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं आया है. पवार ने दावा किया, "संजय राउत (शिवसेना सांसद) मुझसे मिले, क्योंकि वह नियमित रूप से मुझसे मिलते हैं. शिवसेना की ओर से कोई प्रस्ताव (सरकार के गठन पर) नहीं है."

उन्होंने स्वीकार किया कि राउत ने 170 विधायकों की एक सूची दिखाई है, जो शिवसेना का समर्थन कर रहे हैं, मगर इसके साथ ही उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि उन्हें (राउत को) आंकड़े कैसे मिले हैं." एक सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि वह भाजपा-शिवसेना के बीच राज्य में सरकार के गठन के प्रयासों में शामिल नहीं हैं.

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उन्होंने कहा कि फिलहाल पहले भाजपा को सरकार बनाने दें, क्योंकि वर्तमान में लोगों के जनादेश के अनुसार सिर्फ भाजपा-शिवसेना द्वारा सरकार बनाने का ही विकल्प उपलब्ध है. पवार ने भाजपा व शिवसेना को राज्य में राजनीतिक अस्थिरता को समाप्त करने और स्थिर सरकार देने के लिए प्रयास करने का आग्रह किया.

पवार के जवाब के पर राउत ने शुरुआती प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा को दोबारा चुनौती देते हुए कहा, "जिनके पास 105 विधायक हैं, उन्हें सरकार बनानी चाहिए." इससे उन्होंने परोक्ष रूप से यह स्पष्ट कर दिया है कि मुख्यमंत्री के पद का मुद्दा सुलझने तक भाजपा पर शिवसेना का दवाब कायम रहेगा। भाजपा इस मुद्दे पर कोई समझौता करने को तैयार नहीं है.