logo-image

शरद पवार ने अजित और फडणवीस को लेकर किया बड़ा खुलासा, दोनों की बातचीत की पहले से थी जानकारी

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने दो दिनों के अंदर दूसरा बड़ा खुलासा करते हुए मंगलवार को कहा कि उन्हें पता था कि पार्टी नेता अजित पवार भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के संपर्क में हैं.

Updated on: 03 Dec 2019, 11:46 PM

नई दिल्ली:

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने दो दिनों के अंदर दूसरा बड़ा खुलासा करते हुए मंगलवार को कहा कि उन्हें पता था कि पार्टी नेता अजित पवार भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के संपर्क में हैं. उन्होंने 23 नवंबर को बीजेपी के साथ हाथ मिलाने के अपने भतीजे अजित पवार के अचानक लिए गए फैसले से खुद को दूर रखा था. शरद पवार ने सोमवार को कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी ने साथ काम करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था.

यह भी पढ़ेंः अब पाकिस्तान को रात के अंधेरे में भी तबाह कर देगी पृथ्वी-2 मिसाइल, भारत ने किया सफल परीक्षण 

देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने 23 नवंबर की सुबह क्रमश: मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, वो भी ऐसे वक्त जब शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने अपने गठबंधन को लगभग अंतिम रूप दे दिया था और उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद का दावेदार तय किया था. हालांकि, अजित पवार ने 26 नवंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने भी त्यागपत्र दे दिया था. इससे उनकी सरकार महज 80 घंटे के भीतर गिर गई.

शरद पवार ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि मैं जानता था कि देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार बातचीत कर रहे हैं, लेकिन यह कयास कि मुझे अजित के राजनीतिक कदम के बारे में पता था, गलत है. हालांकि, शरद पवार अजित को लेकर अपना रुख नरम करते दिखे और कहा कि अजित कांग्रेस नेताओं के साथ सरकार गठन को लेकर हो रही बातचीत की गति से नाखुश थे और सत्ता की साझेदारी को लेकर खींचतान से खुश नहीं थे. शरद पवार ने यह भी कहा कि उन्होंने कभी शिवसेना के साथ गठबंधन के बारे में सोचा नहीं था.

उन्होंने आगे कहा कि हम जानते थे कि चुनाव के पूर्व गठबंधन (शिवसेना और भाजपा में महाराष्ट्र चुनावों के बाद) में गंभीर मतभेद उभर गए थे और पूर्व सहमति का सम्मान नहीं किया गया था. शिवसेना नाखुश थी और हम गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे. हालांकि, पवार ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह किस पूर्व सहमति का संदर्भ दे रहे थे. शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी पर अपनी पार्टी से मुख्यमंत्री पद की साझेदारी के वादे का सम्मान नहीं किया. उन्होंने आगे कहा कि चुनाव से पहले शिवसेना के साथ कोई बातचीत नहीं हुई थी. हम शिवसेना और भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे. उनके साथ जुड़ने का कोई सवाल ही नहीं था.

यह भी पढ़ेंःBSNL और MTNL की VRS योजना बंद, इतने हजार कर्मचारियों ने किया आवेदन

पवार ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि अजित पवार ने जैसा व्यवहार किया वैसा करेंगे. उन्होने आगे कहा कि इस गतिविधि के पीछे एक पृष्ठभूमि है. कुछ मुद्दों को लेकर नेहरू केंद्र में मेरी और दिल्ली से आए कांग्रेसी नेताओं में बहस हो गई. एक पल के लिए मुझे लगा मैं इस चर्चा में शामिल न रहूं. अजित भी नाखुश था और उसने मेरे सहकर्मी से बात की कि हम कैसे काम करने जा रहे हैं. सत्ता की साझेदारी को लेकर खींचतान थी.

राकांपा प्रमुख ने अजित पवार को महाराष्ट्र विकास अघाडी सरकार में शामिल किये जाने के सवाल पर कहा कि विधानसभा के शीत सत्र के खत्म होने के बाद इस पर पार्टी कोई फैसला लेगी. प्रदेश सरकार पांच साल चलेगी, इस सवाल पर पवार ने कहा कि सरकार कार्यकाल पूरा करेगी और विभागों को लेकर कोई भी खींचतान नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार न्यूनतम साझा कार्यक्रम से चलेगी, न कि किसी विचारधारा से.