शरद पवार की सचिन तेंदुलकर को नसीहत- अपने क्षेत्र से अलग विषय पर बोलने में सावधानी बरतें
क्रिकेट का भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर (sachin tendulkar) ने कुछ दिन पहले ट्वीट कर कहा था कि बाहरी ताकतों ने किसान आंदोलन में दखल अंदाजी नहीं करनी चाहिए. एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार (NCP Leader Sharad Pawar) ने सचिन तेंदुलकर को अपने क्षेत्र को छोड़कर किसी अलग विषय पर बोलने में सावधानी बरतने की सलाह दी.
highlights
- शरद पवार ने सचिन तेंदुलकर साधा निशाना
- कृषि कानूनों को लेकर बोले एनसीपी चीफ
- शरद पवार ने बताया, क्यों लिखा थे पत्र
नई दिल्ली:
Farmer Protest: क्रिकेट का भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर (sachin tendulkar) ने कुछ दिन पहले ट्वीट कर कहा था कि बाहरी ताकतों ने किसान आंदोलन (Farmer Protest) में दखल अंदाजी नहीं करनी चाहिए. भारतीयों के बारे में भारतीय ही सोचने में सक्षम हैं. अब मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के इस ट्वीट पर सियासी घमासान छिड़ता नजर आ रहा है. एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार (NCP Leader Sharad Pawar) ने सचिन तेंदुलकर (sachin tendulkar) को अपने क्षेत्र को छोड़कर किसी अलग विषय पर बोलने में सावधानी बरतने की सलाह दी.
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एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने पुणे में शनिवार को सचिन तेंदुलकर और लता मंगेश्कर के किसान आंदोलन को लेकर दिए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बिना नाम लिए कहा कि इन्होंने इसे लेकर (आंदोलन) जो राय रखी है, उससे जनता में नाराजगी है. उन्होंने आगे कहा कि किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए सत्ताधारी दल के नेता कुछ न कुछ बोलते रहते हैं.
#WATCH: NCP chief Sharad Pawar says, "Many people have reacted sharply to the stand taken by them (Indian celebrities). I would advise Sachin (Tendulkar) to exercise caution while speaking about any other field." pic.twitter.com/adUmovzzDX
— ANI (@ANI) February 6, 2021
एनसीपी चीफ ने कहा कि इस देश को जीतोड़ मेहनत करके अनाज देकर आत्मनिर्भर करने वाले किसानों का यह आंदोलन है. देश के किसानों को बदनाम करना अच्छी बात नहीं है. शरद पवार का कृषि मंत्री रहते लिखा पत्र वायरल हो रहा है. इसे लेकर उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि हां, मैंने पत्र लिखा था. उस पत्र में दो-तीन बातें भी स्पष्ट तौर पर लिखी हुई हैं कि कृषि को लेकर कानून में सुधार लाया जाना जरूरी है. इसके लिए सभी राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ बैठक की थी और कुछ कृषि मंत्रियों की कमेटी बनाई थी. महाराष्ट्र के हर्षवर्धन पाटिल को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था.
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पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट के बाद हर राज्यों को पत्र लिखा था. ऐसा इसलिए किया गया था, क्योंकि कृषि राज्य का विषय है. दिल्ली में बैठकर इसके लिए कानून बनाने की बजाए हर राज्यों से बातचीत की जानी चाहिए. इसीलिए हर राज्यों को पत्र लिखा था, जिसकी ये लोग बात कर रहे. उन्होंने आगे कहा कि इस तरह का कानून लाना है तो उसमें हर राज्य की रुचि होनी चाहिए, लेकिन मौजूदा सरकार में कृषि विभाग के लोगों ने दिल्ली में चहारदीवारी के अंदर बैठकर तीन कृषि कानून बनाए और उसे संसद से पास करवा दिया.
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