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अनिल देशमुख के इस्तीफे पर गेंद उद्धव ठाकरे के पाले में, पवार बोले- सरकार की स्थिरता पर असर नहीं

देशमुख के इस्तीफे को लेकर फैसला शरद पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर छोड़ दिया है. शरद पवार ने कहा है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री पर लगे आरोप गंभीर हैं.

Updated on: 21 Mar 2021, 02:42 PM

मुंबई:

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह (Parambir Singh) की चिट्ठी से महाराष्ट्र में राजनीति में बवंडर आया हुआ है. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) पर लगे गंभीर आरोपों के बाद एनसीपी मुखिया शरद पवार (Sharad Pawar) ने उनको तुरंत हटाने से इनकार कर दिया. हालांकि देशमुख के इस्तीफे को लेकर फैसला शरद पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर छोड़ दिया है. शरद पवार ने कहा है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री पर लगे आरोप गंभीर हैं. अब अनिल देशमुख के इस्तीफे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) फैसला करेंगे. हमसे बात करने के बाद लेंगे. इस्तीफा भी एक विकल्प है. लेकिन अभी फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करने का निर्णय लेने का पूर्ण अधिकार महाराष्ट्र सीएम के पास है.

परमबीर सिंह की चिट्ठी को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि चिट्ठी में गंभीर आरोप लगाए गए हैं. देशमुख पर आरोप लगे हैं, लेकिन प्रमाण नहीं हैं. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री पर लगे आरोप गंभीर हैं कि उन्होंने पुलिसवालों को 100 करोड़/ महीना वसूली का निर्देश दिया. तबादले के बाद परमबीर ने यह आरोप लगाए हैं. लेटर पर परमबीर के साइन नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'लेटर पर नहीं लिखा कि पैसा कैसे कैसे ट्रांसफर हुआ. पैसा कहां भेजा गया इसका जिक्र नहीं.' पवार ने कहा कि इसकी जांच के बारे में सीएम फैसला लेंगे.

शरद पवार ने परमबीर से मुलाकात पर सफाई दी. उन्होंने कहा कि तबादले से पहले परमबीर मुझसे मिले थे और एंटीलिया मामले से जुड़े मुद्दों को लेकर चर्चा की. इस दौरान एनसीपी प्रमुख ने आरोप लगाए कि वाजे का निलंबन खत्म करने का फैसला मुख्यमंत्री या गृहमंत्री ने नहीं, परमबीर ने किया और उन्हें संवेदनशील विभाग की जिम्मेदारी दी गई. पवार ने कहा कि मनसुख की गाड़ी वाजे ने ली और उसमें विस्फोटक रख कर अम्बानी के घर के बाहर रखा गया. मनसुख की पत्नी ने आरोप लगाए हैं कि वाजे उनके पति की मौत के लिए जिम्मेदार है. जब परमबीर हमसे मिले तो ये सवाल उनसे पूछे गए. उन्होंने गहराई से जांच की बात कही.

सरकार पर संकट को लेकर शरद पवार ने कहा, 'मुख्यमंत्री गंभीरता से ले रहे हैं. जरूरी कदम उठा रहे हैं. नेता विपक्ष ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. सरकार पर इसका कोई असर नहीं होगा.' उन्होंने कहा कि यह सरकार को अस्थिर करने की कोशिश हो सकती है, लेकिन ऐसा होगा नहीं. पवार ने कहा, 'आरोप गृहमंत्री पर हैं और मुंबई पुलिस कमिश्नर पर भी. ऐसे व्यक्ति के द्वारा इसकी जांच होनी चाहिए जिनकी प्रतिष्ठा हो, मेरा सुझाव है कि मुम्बई पुलिस के पूर्व कमिश्नर जुलियो रूबेरो मामले की जांच करें.'

अनिल देशमुख का क्या होगा? इस सवाल पर शरद पवार ने कहा, 'उनका इस्तीफा लेना मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है. हमसे बात करने के बाद लेंगे. इस्तीफा भी एक विकल्प है. लेकिन अभी फैसला नहीं हुआ है.' उन्होंने कहा कि अनिल देशमुख पर मुख्यमंत्री समेत अन्य बड़े नेताओं से बात करूंगा. उन्होंने यह भी कहा कि अनिल देशमुख पर कल तक फैसला ले लेंगे. पवार ने कहा कि वाजे को वापस बहाल करने में मुख्यमंत्री, गृहमंत्री की भूमिका नहीं है. गृहमंत्री सब इंस्पेक्टर की फाइल नहीं देखते. मैं कोई फैसला नहीं लेता, मांगें जाने पर सलाह देता हूं.