अस्पताल से ही देश और राज्य की राजनीति पर ऐसे निगाह रख रहे शरद पवार
मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार राष्ट्रीय और राज्य के राजनीतिक घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहे हैं.
मुंबई:
मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार राष्ट्रीय और राज्य के राजनीतिक घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहे हैं. एक शीर्ष नेता ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी. शिवसेना सांसद और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने शरद पवार से अस्पताल में बुलाने के बाद यह बात कही, जहां वह 30 मार्च को पित्ताशय की पथरी निकालने के लिए किए गए एक आपातकालीन एंडोस्कोपी प्रक्रिया के बाद आराम कर रहे हैं. एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार साहेब स्वस्थ्य हैं. वह जल्द ही घर लौटेंगे. संजय राउत ने कहा कि 80 वर्षीय नेता स्पष्ट रूप से राजनीति से गायब नहीं हैं, जो पिछले 55 वर्षों से उनका जुनून रहा है. गुरुवार की देर रात राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने घोषणा की कि पवार का स्वास्थ्य ठीक हैं और उन्हें घूमने और यहां तक कि ठोस भोजन करने की अनुमति दी गई है.
पेट में दर्द की शिकायत के बाद पवार को मंगलवार को ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में पित्ताशय की पथरी को निकालने की सलाह दी गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, भारत रत्न गायिका लता मंगेशकर, सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी के नेताओं, डिप्टी सीएम अजीत पवार और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात के अलावा अन्य नेताओं ने उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की.
'अमित शाह और शरद पवार की सीक्रेट मीटिंग थी अफवाह'
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के 'लेटर बम' के बाद उठे सियासी भूचाल के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और एनसीपी के प्रमुख शरद पवार की गुप्त मीटिंग की खबरों से महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट और बढ़ गया. हालांकि अमित शाह और शरद पवार की सीक्रेट मीटिंग को महाविकास अघाड़ी के घटक दल शिवसेना ने अफवाह बताया है. शिवसेना ने कहा है कि पवार और शाह की मुलाकात ही नहीं हुई. साथ ही शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी को अपनी गुप्त बीमारी से जल्दी ठीक होना चाहिए.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लेख के जरिए अमित शाह और शरद पवार की सीक्रेट मीटिंग पर अपनी प्रतिक्रिया दी. सामना के संपादकीय में शिवसेना ने लिखा, 'बेचैनी क्यों है? शरद पवार और अमित शाह के बीच गुप्त बातचीत की अफवाह से दो-चार दिन चर्चा तो होगी ही. इस गुप्त बैठक का संबंध राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार से जोड़ा जा रहा है. ठाकरे सरकार दो दिनों में ही गिर जाएगी, ऐसा दावा भी कुछ लोगों ने किया. वास्तविकता यह है कि इस प्रकार की किसी भी मुलाकात और गुप्त मंत्रणा से पवार की ओर से साफ इंकार कर दिया गया है.'
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