महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना (Shiv Sena) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सामने न झुकने पर बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) की सराहना की. पार्टी का कहना है कि शरद पवार भाजपा के सामने नहीं झुके, जिसके बाद शिवसेना के नेतृत्व में महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की सरकार बनी. शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि यह स्पष्ट है कि भाजपा ने पार्टी (शिवसेना) की पीठ पर वार करने के लिए पवार के साथ मिलकर साजिश रचने की कोशिश की, मगर भाजपा की साम, दाम, दंड, भेद की नीति बुरी तरह विफल रही और राकांपा प्रमुख बिल्कुल नहीं झुके.
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संजय राउत (Sanjay Raut) ने आगे कहा कि शरद पवार ने राकांपा को लुभाने और शिवसेना को सत्ता से बाहर रखने के लिए भाजपा द्वारा दिए गए प्रस्ताव को खुद स्पष्ट किया है. कुछ दिनों पहले शरद पवार ने एक निजी चैनल के साथ एक साक्षात्कार में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राकांपा को भाजपा के साथ गठबंधन करने और महाराष्ट्र व केंद्र दोनों जगह सरकार में साझेदार बनने का प्रस्ताव दिया था.
संजय राउत ने कहा, "चूंकि हमारे पास संख्या थी और उनके पास प्रस्ताव. प्रधानमंत्री ने पवार से कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा-राकांपा सरकार बनाने के लिए देश को उनके अपार अनुभव की जरूरत है, लेकिन महाराष्ट्र में न तो पवार इसके लिए झुके और न ही कांग्रेस." उन्होंने आगे कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूछा था, पवार ने महाराष्ट्र के लिए क्या किया है? इस पर पवार ने 54 विधायकों की जीत से अपने ही अंदाज में जवाब दिया.
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उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी-अमित शाह को यह महसूस करने में पांच साल लग गए हैं कि शरद पवार के अनुभव का देश के लिए उपयोग किया जा सकता है. इससे पहले बुधवार की सुबह पार्टी के मुखपत्र 'सामना' और 'दोपहर का सामना' के संपादकीय में शिवसेना ने कहा कि यह एक रहस्य है कि भाजपा राकांपा को 'नेचुरल करप्ट पार्टी' के रूप में बताने के बाद किस तरह का अनुभव चाहती थी.