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प्याज( Photo Credit : फाइल )
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात कर कहा कि प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के अचानक लिए गए निर्णय पर केंद्र को पुनर्विचार करना चाहिए. पवार ने ट्वीट किया कि गोयल ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इस मुद्दे पर वाणिज्य, वित्त और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालयों के बीच यदि सहमति बनती है तो सरकार निर्णय पर पुनर्विचार करेगी.
The central government has abruptly announced a ban on #onionexports. This has led to strong reactions from the onion growing belt in Maharashtra & therefore the representatives of various political parties contacted & requested me to convey their demands to Central Government.
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) September 15, 2020
राकांपा अध्यक्ष ने मंत्री से कहा कि निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्याज के भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता की भारत की छवि को नुकसान पहुंचेगा. केंद्र सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने और कीमत पर लगाम लगाने के उद्देश्य से इसके निर्यात पर सोमवार को प्रतिबंध लगा दिया था. पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार ने गोयल से कहा कि इस निर्णय से महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक काफी नाराज हैं. पवार ने ट्वीट किया, भारत से निर्यात होने वाले प्याज की अंतरराष्ट्रीय बाजार में अच्छी मांग है और हम हमेशा से प्याज निर्यात करते रहे हैं. लेकिन केंद्र के अचानक लिए गए निर्णय से, अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत की छवि को नुकसान होगा.
एक पखवाड़े में तीन-गुना बढ़े प्याज के दाम
पिछले 15 दिनों से अचानक से प्याज के दामों में उछाल आया है. एक-दो सप्ताह पहले ही 15 से 20 रुपये प्रति किलो बिकने वाला प्याज आजकल 45 से 50 रुपये प्रति किलो तक जा पहुंचा है. प्याज की बढ़ती हुई महंगाई को देखते हुए सड़ प्याज भी 25 रुपये प्रतिकिलो तक बिक जा रहे हैं. दिल्ली की आजाद पुर मंडी जिसे एशिया की सबसे बड़ी सब्जी मंडी कहा जाता है वहां पर व्यापारियों ने बताया कि होलसेल में प्याज 26 से 37 रुपये प्रतिकिलो के रेट से बिक रहा है. इसके पीछे कारोबारियों ने प्याज की फसल का खराब होना बताया है. दरअसल पिछले दिनों महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्याज उत्पादक राज्यों में भारी बारिश की वजह से प्याज की खड़ी फसल को भारी नुकसान हुआ है.
पिछले साल भी लगाई थी रोक
आपको बता दें सरकार ने प्याज के निर्यात में पिछले साल के सितंबर में भी लगाया था. सरकार ने पिछले साल निर्यात रोकने के साथ ही प्याज के दामों पर प्रति टन प्याज पर 850 डॉलर का एमईपी भी लगा दिया था, जिसकी वजह से मांग और आपूर्ति में अंतर आया और प्याज की कीमतें अचानक से बहुत ज्यादा बढ़ गईं थीं. आपको बता दें कि महाराष्ट्र के अलावा अन्य प्याज उत्पादक राज्यों में भारी बारिश के चलते प्याज की उपज में काफी कमी थी.
Source : News Nation Bureau