logo-image

महाराष्ट्र के बाद संसद में भी BJP से दूर हुई शिवसेना, संजय राउत बोले- पुराने और आज के NDA में बहुत अंतर

महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक और एनडीए (NDA) से अलग होने के बाद शिवसेना संसद में भी अब विपक्ष की तरफ बैठेगी.

Updated on: 16 Nov 2019, 06:59 PM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक और एनडीए (NDA) से अलग होने के बाद शिवसेना संसद में भी अब विपक्ष की तरफ बैठेगी. एनडीए से दूर होने के बाद शिवसेना की राज्यसभा में बैठक की व्यवस्था बदल गई है. अब संसद में पार्टी के सांसद विपक्ष की तरफ बैठेंगे. नई व्यवस्था के तहत शिवसेना के सांसद संजय राउत उच्च सदन में 198 नंबर की सीट पर बैठेंगे. इससे पहले वे 38 नंबर की सीट पर बैठते थे.

यह भी पढ़ेंः सबरीमाला मंदिर का कपाट खुला, पूजा करने आईं 10 महिलाओं को पुलिस ने भेजा वापस

शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि निस्संदेह, महाराष्ट्र में हम जो सरकार बनाने जा रहे हैं, वह शिवसेना के एक मुख्यमंत्री के नेतृत्व में होगी. साथ ही उन्होंने संसद में बैठने को लेकर कहा कि हमें पता चला है कि संसद में दो शिवसेना सांसदों के बैठने की व्यवस्था बदल दी गई है. संजय राउत ने आगे कहा कि पुराने एनडीए और आज के एनडीए में बहुत अंतर है. आज एनडीए का संयोजक कौन है?, आडवाणी जी जो इसके संस्थापकों में से एक थे, वे या तो छोड़ चुके हैं या निष्क्रिय हैं.

बता दें कि चुनाव से पूर्व गठबंधन होने के बावजूद 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद भाजपा और शिवसेना मुख्यमंत्री पद को लेकर आपस में उलझ गए. इसके बाद मौके को देखते हुए एनसीपी ने शिवसेना के सामने हाथ मिलाने के लिए शर्त रख दी. राकांपा ने कहा कि अगर शिवसेना साथ मिलकर सरकार बनाना चाहती है तो उसे एनडीए से सभी प्रकार के रिश्ते-नातों को तोड़ना होगा. शिवसेना ने इस शर्त को माना और 11 नवंबर को एनडीए से अलग हो गई.

इसके अलावा ही अगले ही दिन यानी 12 नवंबर को शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने भी केंद्रीय भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. इधर, उनकी जगह कैबिनेट मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया. बता दें कि सावंत भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार में शिवसेना के एकमात्र प्रतिनिधि थे. चुनाव पूर्व गठबंधन होने के बावजूद 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद भाजपा और शिवसेना मुख्यमंत्री पद को लेकर आपस में उलझ गए.

यह भी पढ़ेंः महाराष्ट्र: शिवसेना, एनसीपी-कांग्रेस की राज्यपाल कोश्यारी से मुलाकात टली, जानें क्यों

बीजेपी को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिलीं. दोनों दलों की संयुक्त सीट संख्या 161 थी, जो 288 सदस्यीय विधानसभा में 145 के बहुमत से अधिक थी, लेकिन सीएम पद को लेकर दोनों पार्टियों के बीच विवाद बढ़ने के बाद शिवसेना के अरविंद सावंत ने इस्तीफा दे दिया. 54 सीटें जीतने वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने मांग की है कि शिवसेना को राज्य में किसी भी गठबंधन के लिए राजग का साथ छोड़ना होगा. 288 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं.