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राज्यपाल से मिलकर लौटी BJP पर संजय राउत का तीखा हमला, बोले- हमारे सभी विकल्प खुले

महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर बीजेपी (BJP) और शिवसेना (Shiv Sena) के बीच जारी खींचतान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है.

Updated on: 07 Nov 2019, 05:32 PM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर बीजेपी (BJP) और शिवसेना (Shiv Sena) के बीच जारी खींचतान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. शिवसेना के विधायकों ने जहां महाराष्ट्र में सरकार गठन पर आखिरी फैसला लेने का अधिकार पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को सौंप दिया तो वहीं शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि उनके पास सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत है.

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राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से बीजेपी नेताओं की मुलाकात पर शिवसेना के नेता संजय राउत ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि हमारा रुख नहीं बदला है. शिवसेना के हित में उद्धव ठाकरे ही फैसला लेंगे. सीएम तो शिवसेना का ही होगा. उन्होंने आगे कहा कि राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा किए बगैर खाली हाथ क्यों लौट आए. बहुमत सिर्फ बीजेपी-शिवसेना के गठबंधन को नहीं मिला है, बल्कि गठबंधन की शर्तों को भी मिला है. गठबंधन ऐसे नहीं चलता है.

संजय राउत ने आगे कहा कि हमारे पास अपना मुख्यमंत्री बनाने के लिए बहुमत है. हमें यह दिखाने की जरूरत नहीं है. विधानसभा में हम बहुमत साबित करेंगे. हमारे पास विकल्प हैं. विकल्पों के बिना हम नहीं बोलते हैं. बता दें कि उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में उनके बांद्रा स्थित आवास 'मातोश्री' में हुई पार्टी के सभी विधायकों की बैठक में विधायकों ने दोहराया कि 'पदों और जिम्मेदारियों की समान साझेदारी के फार्मूले को लागू किया जाएगा, जिसपर लोकसभा चुनावों से पहले सहमति बनी थी.

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पार्टी विधायक शंभुराजे देसाई ने बैठक समाप्त होने के बाद संवाददाताओं को बताया, शिवसेना विधायकों ने एक प्रस्ताव पारित कर सरकार गठन के संबंध में अंतिम निर्णय लेने के लिए उद्धव ठाकरे को अधिकृत किया. देसाई ने इस बात से इनकार किया कि शिवसेना विधायकों के पाला बदलने के डर की वजह से उन्हें दक्षिण मुंबई के एक होटल में ठहराया जाएगा. शिवसेना अपने उस रुख पर कायम है कि लोकसभा चुनावों से पहले इस साल फरवरी में, यह तय हुआ था कि बीजेपी और पार्टी के बीच पदों और जिम्मेदारियों को साझा किया जाएगा.

शिवसेना जहां मुख्यमंत्री पद को साझा करने पर जोर दे रही है वहीं बीजेपी ने इससे साफ इनकार कर दिया है. बीजेपी और शिवसेना मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर उलझी हुई हैं जिससे 24 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों में गठबंधन को 161 सीट मिलने के बावजूद सरकार गठन को लेकर गतिरोध बना हुआ है. 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनावों में भाजपा को 105 सीटें, शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं.