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छपाक के बहिष्कार पर बोले संजय राउत, देश ‘तालिबानी’ तौर-तरीके से नहीं चलाया जा सकता

जेएनयू में दीपिका के आने और ‘मूक एकजुटता प्रकट’ करने की कई लोगों ने तारीफ भी की लेकिन इस पर कइयों ने उन्हें ‘वामपंथियों का समर्थन करने वाली’ करार दिया तो कुछ का कहना था कि वह ‘छपाक’ का प्रचार करने गईं थीं

Updated on: 12 Jan 2020, 02:07 PM

मुंबई:

शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का समर्थन करते हुए कहा कि अभिनेत्री या उनकी फिल्म का बहिष्कार करने की मांग गलत है. अभिनेत्री दीपिका पादुकोण जेएनयू में विद्यार्थियों पर हुए हमले के बाद एकजुटता प्रकट करने के लिए विश्वविद्यालय पहुंची थीं. इसके लिए जहां कुछ लोग दीपिका की सराहना कर रहे हैं वहीं कुछ अन्य इसके लिए आलोचना कर हैं. इस मामले में बीजेपी के कुछ नेताओं ने भी जेएनयू जाने पर अभिनेत्री की आलोचना की थी. राज्य सभा सदस्य और शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक संजय राउत ने कहा कि देश ‘तालिबानी’ तौर-तरीके से नहीं चल सकता है.

जेएनयू में दीपिका के आने और ‘मूक एकजुटता प्रकट’ करने की कई लोगों ने तारीफ भी की लेकिन इस पर कइयों ने उन्हें ‘वामपंथियों का समर्थन करने वाली’ करार दिया तो कुछ का कहना था कि वह ‘छपाक’ का प्रचार करने गईं थीं. कुछ लोगों ने उनकी फिल्म और उनका बहिष्कार करने की भी मांग की. छपाक में वह तेजाब पीड़िता का किरदार अदा कर रही हैं. इस फिल्म का निर्देशन मेघना गुलजार ने किया है.

संजय राउत ने कहा, ‘अभिनेत्री और उनकी फिल्म का बहिष्कार करना गलत है. देश ‘तालिबानी’ तौर-तरीके से नहीं चलाया जा सकता है.’ 

बता दें, इससे पहले आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप भी अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और उनकी फिल्म ‘छपाक’ के समर्थन में सामने आये थे. हालांकि, अभिनेत्री एवं उनकी फिल्म के समर्थन में आरजेडी नेता द्वारा किये गये ट्वीट का बिहार बीजेपी ने मजाक उड़ाया. उसने उनसे अलग रह रही पत्नी ऐश्वर्य राय के साथ किये गये कथित दुर्व्यवहार की ओर संकेत किया. तेज प्रताप ने ट्वीट किया कि छपाक उन लोगों के लिए ‘धपाक’ की तरह क्यों आ रही है जो सत्तासीन हैं. ये वही लोग हैं जो महिला सशक्तीरण और सुरक्षा की शपथ लेते हैं और ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे नारे गढ़ते हैं. आप एक प्रेरणा हैं दीपिका पदुकोणजी.

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि वह न केवल विधानसभा के सदस्य हैं बल्कि मंत्री भी रहे हैं. महिलाओं से सम्मान के साथ बर्ताव करना ही उन्हें शोभा देता है, लेकिन जिस तरह उन्होंने समाज की बेटी के साथ बर्ताव किया, वह शर्मनाक है. यदि उनमें रत्ती भर भी शर्म है तो उन्हें सार्वजनिक रूप से ऐश्वर्य राय के पैरों में गिरकर माफी मांगनी चाहिए.