संजय राउत ने बीजेपी पर फिर फेंका बाउंसर, बोले- कुछ रिश्‍तों से बाहर आना ही बेहतर

सरकारें तो बनेंगी, गिरेंगी. कभी कोई सत्‍ता में, कभी कोई विपक्ष में, लेकिन एक बात है जो शायद ही बीजेपी कभी भूल पाएगी या भूलना चाहेगी.. वो है संजय राउत (Sanjay Raut) का ट्वीट.

सरकारें तो बनेंगी, गिरेंगी. कभी कोई सत्‍ता में, कभी कोई विपक्ष में, लेकिन एक बात है जो शायद ही बीजेपी कभी भूल पाएगी या भूलना चाहेगी.. वो है संजय राउत (Sanjay Raut) का ट्वीट.

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Sunil Mishra
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संजय राउत ने बीजेपी पर फिर फेंका बाउंसर, बोले- कुछ रिश्‍तों से बाहर आना ही बेहतर

संजय राउत ने BJP पर फिर कसा तंज, बोले- कुछ रिश्‍तों से बाहर आना बेहतर( Photo Credit : File Photo)

महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में आज नई सरकार का ऐलान होने जा रहा है. शिवसेना (Shiv Sena) के नेतृत्‍व में बनने वाली सरकार को एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) ने हरी झंडी दे दी है. सत्‍ता में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस होगी तो विपक्ष की पूरी जिम्‍मेदारी अकेले बीजेपी (BJP) के मत्‍थे आ जाएगी. सरकारें तो बनेंगी, गिरेंगी. कभी कोई सत्‍ता में, कभी कोई विपक्ष में, लेकिन एक बात है जो शायद ही बीजेपी कभी भूल पाएगी या भूलना चाहेगी.. वो है संजय राउत (Sanjay Raut) का ट्वीट. विधानसभा चुनाव परिणाम (Assembly Election Result) आने के बाद से ही संजय राउत ने बीजेपी पर जो बाउंसर फेंकना शुरू किया, वो अब भी जारी है. आज शुक्रवार को संजय राउत ने नया 'ट्वीट बॉल' फेंकते हुए लिखा, 'कभी-कभी कुछ रिश्‍तों से बाहर आ जाना ही बेहतर होता है. अहंकार के लिए नहीं, बल्‍कि स्‍वाभिमान के लिए.' महाराष्‍ट्र की राजनीति में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद जो उथल-पुथल मची, उसे समझने के लिए अगर संजय राउत के ट्वीटों की शृंखला देखें तो पूरी कहानी समझ में आ जाएगी.

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एक दिन पहले संजय राउत ने लिखा था, 'हम बुरे ही ठीक हैं. जब अच्‍छे थे तो कौन सा मेडल मिल गया था.' उससे पहले उन्‍होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता को उद्धृत करते हुए ट्वीट किया था,
'आहुति बाकी, यज्ञ अधूरा,
अपनों के विघ्नों ने घेरा,
अंतिम जय का वज्र बनाने, नव दधीचि हड्डियां गलाएं
आओ फिर से दिया जलाएं.'

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खास बात यह है कि बीजेपी नेताओं के बहाने ही वे बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं. विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद उन्‍होंने गोपीनाथ मंडे को याद करते हुए कहा था, मुंडे साहब आज होते तो महाराष्‍ट्र की सियासत कुछ और होती.

पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह का नाम लिए बगैर संजय निरूपम ने हबीब जालिब का शेर टि्वटर पर शेयर किया था-
'तुम से पहले वो जो इक शख़्स यहाँ तख़्त-नशीं था
उस को भी अपने ख़ुदा होने पे इतना ही यक़ीं था.'

संजय राउत ने एक और ट्वीट में लिखा था, 'अगर जिंदगी में कुछ करना है तो तरीके बदलो, इरादे नहीं... जय महाराष्‍ट्र'

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महाराष्‍ट्र की राजनीति में उथल-पुथल के बीच संजय राउत का शायराना अंदाज भी शुरू हो गया. संजय राउत ने वशीर बद्र का यह शेर शेयर कर बीजेपी को निशाने पर लिया-
'यारों नए मौसम ने यह एहसान किया है
याद मुझे दर्द पुराने नहीं आते.'

संजय राउत ने एक और ट्वीट किया था-
'बंदे हैं हम उसके हम पर किसका जोर
उम्‍मीदों के सूरज निकले चारों ओर.'

Source : न्‍यूज स्‍टेट ब्‍यूरो

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