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महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता संजय झा को पार्टी से निलंबित किया गया, जानिए क्या है वजह

संजय झा पिछले कुछ दिनों से लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासन तोड़ने के लिए तत्काल प्रभाव से कांग्रेस पार्टी से निलंबित कर दिया गया है.

Updated on: 14 Jul 2020, 10:16 PM

नई दिल्‍ली:

महाराष्ट्र कांग्रेस नेता संजय झा को मंगलवार को पार्टी ने निलंबित कर दिया है. बताया जा रहा है कि वो पिछले कुछ दिनों से लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासन तोड़ने के लिए तत्काल प्रभाव से कांग्रेस पार्टी से निलंबित कर दिया गया है. आपको बता दें कि इसके पहले संजय झा कांग्रेस में प्रवक्ता के पद पर तैनात थे लेकिन कुछ दिनों पहले ही उन्होंने पार्टी के खिलाफ सोशल मीडिया पर लिखना शुरू कर दिया जिसके बाद कांग्रेस ने उन पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए उन्हें प्रवक्ता के पद से हटा दिया था. लेकिन पार्टी प्रवक्त के पद से हटाए जाने के बाद भी संजय झा का पार्टी के खिलाफ विरोध नहीं रुका जिसकी वजह से पार्टी ने उन्हें प्राथमिक सदस्यता से भी निलंबित कर दिया है.

आपको बता दें कि पिछले महीने ही कांग्रेस ने पार्टी की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करने वाले संजय झा को पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से हटा दिया था. कांग्रेस पार्टी की ओर से जारी बयान में यह कहा गया था कि पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने झा को तत्काल प्रभाव से हटाए जाने को मंजूरी दी थी. इसके साथ ही पार्टी ने साधना भारती और अभीषेक दत्त को राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट नियुक्त किया गया था. कांग्रेस सचिव की ओर से जारी की गई चिट्ठी में कहा गया था कि, ‘कांग्रेस अध्यक्ष ने अभिषेक दत्त और साधना भारती को कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी है.’

इस चिट्ठी में आगे ये भी कहा गया था कि, ‘कांग्रेस अध्यक्ष ने संजय झा को कांग्रेस प्रवक्ता के पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है.’ आपको बता दें कि पिछले दिनों झा ने एक ऑर्टिकल के माध्यम से कांग्रेस पार्टी की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े किए थे. उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव हो चुका है. कांग्रेस पार्टी के इस कदम के बाद उन्होंने फिर अप्रत्यक्ष रूप से एक बार फिर से पार्टी पर निशाना साधा था. पिछले महीने ही उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर निशाना साधते हुए अपनी ही सरकार की आलोचना की थी. 

संजय झा ने 18 जून को किए गए अपने उस ट्वीट में लिखा था कि, ‘एक बार पंडित नेहरू ने एक अखबार में अपने ही खिलाफ गुमनाम आलोचना लिखी थी और सरकार को तानाशाही की ओर बढ़ने से आगाह किया था. यही असली कांग्रेस है: लोकतांत्रिक, उदार, सहिष्णु, सबको साथ लेकर चलने वाली. हम इन मूल्यों को कहीं पीछे छोड़ चुके हैं. क्यों? मैं कांग्रेस का निर्भीक वैचारिक सिपाही बना हुआ हूं.’