'सेक्यूलरवाद के नाम पर बांग्लादेशी मुसलमानों की खुशामद कर रही थीं ममता बनर्जी'

सामना में कहा गया है कि, 'ममता बनर्जी कहती हैं कि पश्चिम बंगाल में जो हुआ उसके लिए 'गुजरात मॉडल' जिम्मेदार है. इसलिए राज्य को गुजरात नहीं बनने देंगे, ममता बनर्जी के इस बयान को क्या समझें?

सामना में कहा गया है कि, 'ममता बनर्जी कहती हैं कि पश्चिम बंगाल में जो हुआ उसके लिए 'गुजरात मॉडल' जिम्मेदार है. इसलिए राज्य को गुजरात नहीं बनने देंगे, ममता बनर्जी के इस बयान को क्या समझें?

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Aditi Sharma
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'सेक्यूलरवाद के नाम पर बांग्लादेशी मुसलमानों की खुशामद कर रही थीं ममता बनर्जी'

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा है. सामना में कहा गया है कि, 'ममता बनर्जी कहती हैं कि पश्चिम बंगाल में जो हुआ उसके लिए 'गुजरात मॉडल' जिम्मेदार है. इसलिए राज्य को गुजरात नहीं बनने देंगे.' शिवसेना ने सामना में कहा, 'ममता बनर्जी के इस बयान को क्या समझें? कोलकाता और दूसरे शहरों में जो में जो गुजराती हैं क्या वो उन्हें बाहर निकालना चाहती हैं? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमितशाह को लेकर इस तरह की बयानबाजी सही नहीं है.'

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सामना में लिखा है, 'ममता बनर्जी सेक्यूलरवाद के नाम पर बांग्लादेशी मुसलमानों की खुशामद कर रहीं थी, लेकिन उनका ये पैर्टन उन्हीं पर भारी पड़ गया. ममता बनर्जी के इस कदम को चुनौती देने के लिए बीजेपी ने जय श्री राम का नारा दिया और हिंदु सामज का घुटता दम खुल गया.' सामना में कहा गया है कि, 'पश्चिम बंगाल में बीजेपी के 18 सासंद आए. ये गुजरात का हिंदुत्ववादी मॉडल है'.

शिवसेना ने सामना में कहा, 'क्या पश्चिम बंगाल में 'जय श्री राम' बोलना गलत है? जय श्री राम का जवाब देने के लिए कोलकाता में जय हिंद जय बांग्ला का टीएमी बोर्ड लगाने वाली है. ये किस तरह की बेचैनी है?'

वैसे ये पहली बार नहीं है जब शिवसेना ने सामना में ममता बनर्जी पर निशाना साधा हो. इससे पहले भी वो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर वार कर चुकीं है. इससे पहले सामना में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर शपथग्रहण समारोह में शामिल होने को लेकर निशाना साधाते हुए कहा गया था कि 'ममता बनर्जी का ये कदम लोकतंत्र के दायरे में नहीं आता'. शिवसेना ने सामना में कहा कि पीएम मोदी के शपथ सनमारोह में उन लोगों के परिवार वालों को भी बुलाया गया है जो पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा के दौरान मारे गए. ये नाराज होने की कोई वजह नहीं हो सकती. शिवसेना ने कहा, 'उन परिवारों को भी शपथ समारोह में मौजूद रहने का अधिकार है. अगर ममता बनर्जी और उनकी पार्टी को ये मंजूर नहीं तो ये तो तय है कि वो लोकतंत्र नहीं मानते'

Source : News Nation Bureau

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