महाराष्ट्र सरकार ने लॉकडाउन में फंसे शहरी और ग्रामीण इलाकों में छूटे हुए निराश्रित पात्र लोगों का युद्धस्तर पर चिन्हित करते हुए एक हजार रुपये का भरण पोषण भत्ता देने का निर्णय लिया है. अब तक विभिन्न श्रेणी के 23.70 लाख श्रमिकों को राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से 236.98 करोड़ रुपए का भरण पोषण भत्ता उपलब्ध कराया है. अब तक 34,309 औद्योगिक इकाइयों से उनके कार्मिकों को 512.98 करोड़ रुपए का वेतन भुगतान कराया गया.
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इसके साथ ही लॉकडाउन अवधि में अनुपस्थित शिक्षण संस्थानों, चिकित्सालयों, कार्यालयों के अस्थाई कर्मचारियों, आउटसोर्सिंग कर्मियों के मानदेय में कोई कटौती न की जाए. सरकारी एवं निजी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं का संचालन स्टाफ के कोविड नियंत्रण प्रशिक्षण एवं सुरक्षा उपाय के पश्चात ही संक्रमण मुक्त हो गये जनपदों में सभी सावधानियां बरतने का आदेश दिए हैं. महाराष्ट्र सरकार ने 20 अप्रैल के बाद शुरु होने वाले सेक्टर का शासनादेश निकाला है.
इन्हें मिलेगी 20 अप्रैल से राहत
- कृषि, कृषि से जुड़े सामान, फार्मिंग के लिए लगने वाले सामान
- कॉल सेंटर कम से कम स्टॉफ
- आईटी 50% स्टाफ के साथ
- इंश्योरेंस कंपनियां
- सेबी
- आरबीआई
- मछलीपालन
- पशुपालन
- पौधारोपण ( कुछ शर्तो के साथ )
- को आपरेटिव क्रेडिट सोसायटी
- आई वेंडर फॉर बैंकिंग आपरेशन एंड मेटिनेंस
- सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के साथ मनरेगा शुरु करने को हरी झंडी
- आंगनवाड़ी
- लावारिस बच्चों, विधवा, बूढों के लिए बने घरों का ऑपरेशन शुरु होगा
- सामान को ले जाने पर हरी झंडी
- कारगो के जरिए एयर ट्रांसपोर्ट
- कूरियर सर्विस, ई कॉमर्स, ई-डिलवरी ( फूड एंड गुड्स )
- होटल, लॉज लॉकडाउन में फंसे लोगों के लिए, एयर क्रू और मेडिकल इमरजेंसी के लिए
- प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनी
- बेयर हाउस
- कोल्ड स्टोरेज
Source : News State