Maharashtra Political News: प्रहार जन शक्ति पार्टी के अध्यक्ष बच्चू काडू ने हाल ही में महाराष्ट्र की महायुति सरकार के प्रति असंतोष व्यक्त किया है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वह महागठबंधन के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं और सरकार को अल्टीमेटम दिया कि उनकी मांगों को तुरंत पूरा किया जाए. बच्चू काडू ने यह भी कहा था कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वह अपने राजनीतिक विकल्पों पर विचार करेंगे. इस बयान के एक दिन बाद ही उनकी शरद पवार से मुलाकात ने महाराष्ट्र की राजनीतिक गलियारों में नई हलचल पैदा कर दी है.
शरद पवार से सद्भावना मुलाकात
आपको बता दें कि बच्चू काडू ने पुणे के मोदी बाग स्थित शरद पवार के आवास पर उनसे मुलाकात की। इस मुलाकात को शरद पवार ने स्वयं अपने 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर पोस्ट किया, जिससे यह मुलाकात सार्वजनिक हो गई. मुलाकात को लेकर विभिन्न राजनीतिक अटकलें लगाई जा रही हैं, खासकर तब जब बच्चू काडू ने महायुति सरकार को अल्टीमेटम देने के बाद यह कदम उठाया है.
महाविकास अघाड़ी के साथ संभावनाएं?
इस मुलाकात के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या बच्चू काडू महाविकास अघाड़ी (MVA) से हाथ मिलाने की तैयारी में हैं? उनके शरद पवार से मिलने के समय और उनकी सरकार के प्रति नाराजगी को देखते हुए, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बच्चू काडू अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर नई संभावनाओं की तलाश कर रहे हैं. अगर वह MVA में शामिल होते हैं, तो महाराष्ट्र की राजनीति में यह एक बड़ा परिवर्तन हो सकता है.
बच्चू काडू की प्रमुख मांगें
वहीं बच्चू काडू ने राज्य सरकार के सामने कई महत्वपूर्ण मांगें रखी हैं, जिनमें स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, प्याज की गारंटी दर में नाफेड का हस्तक्षेप रोकना, निर्यात प्रतिबंध की नई नीति बनाना, किसानों की ऋण माफी, अलग घरकुल योजना और सामाजिक सुरक्षा वजीफा की मांग शामिल हैं. विशेष रूप से प्याज निर्यात को लेकर उनकी मांग तब आई है जब खुद डिप्टी सीएम अजित पवार ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के कदम को गलती बताया है.
अजित पवार की प्रतिक्रिया
इसके साथ ही आपको बता दें कि अजित पवार ने हाल ही में कहा कि प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध एक गलती थी और इसके लिए उन्होंने माफी भी मांगी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में प्याज के निर्यात पर दोबारा प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा. केंद्र सरकार को भी इस मामले में जानकारी दे दी गई है और राज्य सरकार में भी इस बात पर सहमति बनी है कि प्याज के निर्यात पर कोई रोक नहीं लगाई जाएगी.