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'पंकजा मुंडे का शिवसेना में स्‍वागत है, अगर वह आने का फैसला करती हैं'

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Election ) में चचेरे भाई के हाथों परली विधानसभा सीट चुनाव हारने के पीछे भितरघात की आशंकाओं के बाद से पंकजा मुंडे (Pankaja Munde) बीजेपी (BJP) से नाराज हैं.

Updated on: 02 Dec 2019, 03:29 PM

नई दिल्‍ली:

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Election ) में चचेरे भाई के हाथों परली विधानसभा सीट चुनाव हारने के पीछे भितरघात की आशंकाओं के बाद से पंकजा मुंडे (Pankaja Munde) बीजेपी (BJP) से नाराज हैं. उनके ट्विटर प्रोफाइल से 'बीजेपी (BJP)' का टैग हटाए जाने और रविवार को लिखे एक फेसबुक पोस्ट से इस बात के संकेत मिलते हैं. बताया जा रहा है कि 12 दिसंबर को पंकजा मुंडे भविष्‍य की रणनीति तय करेंगी. उसी दिन उन्‍होंने अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है. 12 दिसंबर को पंकजा मुंडे के पिता गोपीनाथ मुंडे (Gopinath Munde) का जन्‍मदिन है. बताया जा रहा है कि बैठक में वह कोई बड़ा फैसला ले सकती हैं.

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इस बीच शिवसेना विधायक अब्‍दुल सत्‍तार (Shiv Sena Leader Abdul Sattar) ने कहा है कि यह पंकजा मुंडे पर है कि वह क्‍या फैसला करती हैं. अगर वह शिवसेना में आती हैं तो उनका दिल से स्‍वागत है. सत्‍तार ने कहा, इससे पहले बालासाहब ठाकरे और गोपीनाथ मुंडे जी ने भी महाराष्‍ट्र के हित में हाथ मिलाया था.

पंकजा ने रविवार को एक फेसबुक पोस्ट लिखकर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है. मराठी में लिखे इस पोस्ट मे उन्होंने कहा है, "बदले राजनीतिक माहौल को देखते हुए यह सोचने की जरूरत है कि आगे क्या किया जाए? अपनी शक्ति पहचानने की जरूरत है. मुझे स्वयं से बात करने के लिए 8-10 दिनों की जरूरत है."

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पंकजा मुंडे ने अपने समर्थकों से 12 दिसंबर को गोपीनाथ मुंडे की जयंती पर बीड के गोपीनाथगढ़ में आयोजित बैठक में पहुंचने की अपील की है. माना जा रहा है कि पंकजा मुंडे इस बैठक के जरिए शक्ति प्रदर्शन करना चाहती हैं. अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर वह कोई घोषणा भी कर सकती हैं. गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने ट्वीट कर आशा जताई थी कि राज्य का भविष्य उज्‍ज्‍वल होगा.

दूसरी ओर, बीजेपी में अंदरखाने इसे पंकजा मुंडे की दबाव की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. कहा जा रहा है कि ओबीसी का प्रमुख चेहरा होने के कारण वह पार्टी में कोई बड़ी भूमिका चाहती हैं. सूत्र बताते हैं कि 2014 में मोदी-शाह की पसंद से मुख्यमंत्री बनने के बाद भाजपा में देवेंद्र फडणवीस के बेहद मजबूत होने पर जिन स्थानीय नेताओं में असंतोष पनपा, उनमें पंकजा भी एक हैं. ट्विटर प्रोफाइल से भाजपा का टैग हटाने और फेसबुक पोस्ट से असंतोष जताने के बाद माना जा रहा है कि पंकजा मुंडे राजनीति की नई राह चुनने पर विचार कर रही हैं.

(With IANS INPUT)