Maharashtra News: महाराष्ट्र के पालघर में एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) का एक्शन देखने को मिला है. यहां 2 पुलिस कांस्टेबल और एक अन्य व्यक्ति को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है. आरोप है कि ये एक व्यापारी के ट्रकों को छोड़ने के बदले में रिश्वतखोरी कर रहे थे. रिपोर्ट के अनुसार व्यापारी पत्थर की गिट्टी का व्यापार करता है.
ये है पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दोनों कांस्टेबल की पहचान दत्ता शिंदे और श्रीराम दाखुरे के रूप में हुई है. दोनों को जिला कलेक्टर के उड़न दस्ते में प्रतिनियुक्त किया गया था, जबकि एक अन्य आरोपी त्रुनाल धानू एक निजी चालक के रूप में कार्यरत है.
एसीबी के मुताबिक, मामले में शिकायतकर्ता पत्थर बजरी के परिवहन के साझेदारी व्यवसाय में है. अपनी शिकायत में, शिकायतकर्ता व्यापारी ने बताया कि उसके दो ट्रकों को पुलिस कांस्टेबल दत्ता शिंदे और श्रीराम दाखुरे ने शिरसाद नाका पर अवैध रूप से रोक लिया था.
व्यापारी ने लगाए ये आरोप
पीड़ित व्यापारी ने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि कांस्टेबलों ने रॉयल्टी के उल्लंघन और वाहन को जब्त करने के लिए कार्रवाई नहीं करने के लिए 2 लाख रुपये (प्रति वाहन 1 लाख रुपये) की रिश्वत की डिमांड की थी. चूंकि शिकायतकर्ता रिश्वत नहीं देना चाहता था, इसलिए उसने सोमवार को पालघर एसीबी कार्यालय से फोन पर संपर्क किया और पुलिस कांस्टेबलों के खिलाफ शिकायत की.
इस शिकायत के बाद एसीबी अधिकारियों ने मंगलवार को शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों का सत्यापन किया, जिसके बाद अधिकारियों ने मौके पर दोनों पुलिस कांस्टेबल और तृणाल धनु को पाया. सत्यापन में यह भी पता चला कि आरोपियों ने रॉयल्टी उल्लंघन और वाहन जब्त करने के लिए कार्रवाई न करने के लिए शिकायतकर्ता से 50,000 रुपये की मांग की थी.
जारी है जांच
एसीबी ने आगे बताया कि मंगलवार को सुबह 02:38 बजे एक ट्रैप बिछाया. इसके बाद तीनों आरोपी उसमें फंस गए और रंगे हाथों पकड़े गए. इस ऑपरेशन में पुलिस कांस्टेबल दत्ता शिंदे और श्रीराम दाखुरे को तीसरे आरोपी के माध्यम से 50,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई और आगे की जांच में टीम जुटी हुई है.