Maharashtra oath ceremony controversy : महाराष्ट्र की सियासत में ड्रामे का चलना थम नहीं रहा है. पहले सीएम को लेकर रस्साकशी चलती रही. जब नए सीएम के देवेंद्र फडणवीस ने शपथ ले ली और आज विधानसभा में विधायकों को शपथ लेनी थी लेकिन उद्धव ठाकरे गुट के नेताओं ने शपथ का ही बहिष्कार कर दिया.
उद्धव ठाकरे गुट के नेता सुनील प्रभु ने विपक्षी विधायकों के शपथ नहीं लेने पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, "संविधान के अनुसार चुनकर आए हुए हर एक सदस्य को शपथ लेनी चाहिए. ये हमारा कर्तव्य है लेकिन जिस तरह से EVM मशीन में गड़बड़ी है और लोगों में एक गुस्सा है. उसे विधानसभा के सामने लाकर शासन का निषेध करना भी जरूरी है..."
वॉकआउट करने से कुछ नहीं होने वाला
वहीं,महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और NCP प्रमुख अजित पवार ने कहा, "आज विपक्ष ने वॉकआउट किया है...चुनाव हुआ है और लोगों ने हमें जिताया है और अभी वॉकआउट करने से कुछ नहीं होने वाला है.अगर उनको कुछ करना है तो चुनाव आयोग के सामने जाना चाहिए..."
जीत का कहीं भी लोगों ने जश्न नहीं मनाया
उससे पहले शिवसेना UBT नेता आदित्य ठाकरे ने कहा, "आज हमने फैसला किया है कि हमारे (शिवसेना UBT) जीते हुए विधायक शपथ नहीं लेंगे. अगर यह जनता का जनादेश होता तो लोग खुश होते और जश्न मनाते, लेकिन इस जीत का कहीं भी लोगों ने जश्न नहीं मनाया.हमें ईवीएम पर संदेह है."
शपथ का किया गया बहिष्कार
बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा का विशेष सत्र आज सुबह 11 बजे शुरू हुआ. सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे तथा अजित पवार सहित सत्तारूढ़ दलों के कई सदस्यों ने विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ली. इस शपथ का विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी ने बहिष्कार किया. महा विकास आघाडी में कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं.
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