पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा के बाद भाजपा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रही है. भाजपा की मांग पर महाराष्ट्र के एनसीपी नेता छगन भुजबल की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि राजनीति में स्वाभाविक रूप से ऐसी मांगें उठती रहती हैं. एनसीपी नेता छगन भुजबल ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग पर मीडिया से बातचीत में कहा, राजनीति में यह तो चलता रहता है. कहीं कोई दंगा हुआ और लोग मारे गए, तो स्वाभाविक रूप से ऐसी मांगें सामने आती हैं. इस मामले में दिल्ली में बैठे बड़े नेता हालात पर ध्यान देंगे.
मनसे प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ आने की संभावना पर छगन भुजबल ने कहा, दोनों भाई बचपन में एक साथ बड़े हुए हैं और बाला साहेब ठाकरे की निगाहों के सामने उन्होंने अपनी दीक्षा ली है. अगर वे एक साथ आना चाहते हैं और एकजुट होकर काम करते हैं, तो हम सभी पुराने परिचित हैं, जिन्होंने उन्हें बड़ा होते देखा है, हमें खुश महसूस होगी.
नासिक दौरे के रद्द होने की भी सूचना दी
छगन भुजबल ने एनसीपी प्रमुख और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के नासिक दौरे के रद्द होने की भी सूचना दी. उन्होंने बताया कि अजित पवार को नासिक आना था, मगर पता चला है कि हेलीकॉप्टर खराब हो गया. इस कारण उनका नासिक दौरा रद्द हो गया है.
इससे पहले भाजपा नेता और अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने पश्चिम बंगाल में हिंसा पर राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने कहा था कि राज्य में हालात ठीक नहीं हैं. पुलिस महज कुर्सी लगाकर तमाशबीन है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसे हालात बने रहते हैं तो बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाना जरूरी है. उन्होंने गृह मंत्री से अपील की कि कम से कम चुनाव के दो माह पहले सेना को राज्य में तैनात किया जाए. इसे तरह से निष्पक्ष चुनाव हो सकेंगे. वहीं चुनाव के नतीजे आने के बाद भी सेना की मौजूदगी रहनी चाहिए.