महाराष्ट्र में रातों-रात बदले राजनीतिक घटनाक्रम के बाद रविवार को देश भर के समाचार पत्रों ने इसे अपने पहले पन्ने की सुर्खियां बनाई. उन्होंने दिलचस्प शीर्षक और तीखे व्यंग्य के साथ हालात बयां करने की कोशिश की. दरअसल, महज एक दिन पहले शनिवार को समाचारपत्रों ने यह शीर्षक लगाया था कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होंगे. लेकिन जब सुबह-सुबह समाचार पत्र लोगों के दरवाजे पर पहुंचा, तब तक राज्य में राजनीतिक परिदृश्य अप्रत्याशित रूप से पूरी तरह बदल चुका था. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की और एनसीपी नेता अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला चुके थे. पिछले दिन (शनिवार को) हुए हैरान कर देने वाले राजनीतिक घटनाक्रम के बाद देश भर से प्रकाशित होने वाले समाचारपत्रों ने रविवार को महाराष्ट्र की ताजा राजनीति से जुड़ी खबरों से अपना पहला पन्ना रंग दिया. समाचारपत्रों ने वहां के राजनीतिक हालात में मौजूद आश्चर्य के तत्व को बयां करने के लिये अलग-अलग तरह के शब्द गढ़े.
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अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों ने अपने पहले पन्ने पर दिलचस्प और व्यंग्यात्मक शीर्षक लगाये हैं. अपने आकर्षक शीर्षक को लेकर जाने जाने वाले अंग्रेजी समाचार पत्र द टेलीग्राफ ने शीर्षक लगाया, ‘वी द इडियट्स (हम मूर्ख).’ ‘द हिंदू’ समाचार पत्र ने शीर्षक लगाया, ‘फडनवीस स्वोर्न इन एज सीएम आफ्टर अजित पवार डिचेज अंकल (चाचा को अजित के धोखा देने के बाद फडणवीस ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया).’ इंडियन एक्सप्रेस का शीर्षक है, ‘व्हाइल यू वेयर स्लीपिंग (जब आप सो रहे थे)’ हिन्दुस्तान टाइम्स ने लिखा, ‘ड्रामा कंटीन्यूज इन महाराष्ट्र--फडणवीस इज सीएम, अजित हिज डिप्टी (महाराष्ट्र में ड्रामा जारी:फडणवीस मुख्यमंत्री, अजित उनके डिप्टी).’ वहीं, टाइम्स ऑफ इंडिया ने कोलकाता में भारत-बांग्लादेश के बीच चल रहे दिन-रात के टेस्ट मैंच से महाराष्ट्र में हुए घटनाक्रम की तुलना करते हुए शीर्षक लगाया, ‘‘द रियल डे-नाइट टेस्ट इन मुंबई (असली दिन-रात टेस्ट मैच मुंबई में).’ एशियन एज ने कुछ ऐसा शीर्षक लगाया है जिसे अखबारों में पाने का पाठक उम्मीद नहीं करते. इस समाचार पत्र ने शीर्षक लगाया, ‘डब्ल्यूटीफडणवीस’. शिवसेना के मुखपत्र सामना ने इस घटनाक्रम के लिये तीखे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए लिखा, ‘बेशर्म राजनीति का चरम, अजित की बगावत फुस्स हुई’. द संडे गार्डियन, मेल टुडे और द पायनियर ने शरद पवार नीत राकांपा में विवाद का जिक्र किया.
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क्षेत्रीय भाषा में प्रकाशित होने वाले अखबारों ने भी दिलचस्प शीर्षक लगाये हैं. बांग्ला भाषा में प्रकाशित होने वाले आनंद बाजार पत्रिका ने ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ शीर्षक लगाया है. तमिल अखबार दिनथांती का शीर्षक है, ‘जब राष्ट्र सो रहा था, एक राजनीतिक भूकंप आया, महाराष्ट्र में अप्रत्याशित मोड़ आया, भाजपा ने सरकार बनाई.’ तेलुगू अखबार आंध्र ज्योति ने शीर्षक लगाया, ‘मराठा...उल्टा-पुल्टा’.