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महाराष्ट्र में जल्द बन सकती है नई सरकार, आज राज्यपाल से मिलेगा भाजपा प्रतिनिधिमंडल

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के करीब पखवाड़े भर बाद बुधवार को राज्य में नयी सरकार के गठन की संभावनाएं बनती नजर आईं.

Updated on: 07 Nov 2019, 12:02 AM

मुंबई:

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के करीब पखवाड़े भर बाद बुधवार को राज्य में नयी सरकार के गठन की संभावनाएं बनती नजर आईं. दरअसल, भाजपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल बृहस्पतिवार को राज्यपाल से मिलने वाला है, जबकि राकांपा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह विपक्ष में बैठने को प्राथमिकता देगी. मुख्यमंत्री पद (ढाई साल के लिये) पर शिवसेना के दावा छोड़ने से इनकार करने के बीच पार्टी के सांसद संजय राउत ने कहा है कि पार्टी सुप्रीमो उद्धव ठाकरे को भाजपा से अब तक कोई प्रस्ताव नहीं मिला है.

सूत्रों ने भाषा को बताया कि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल दो दिनों में समाप्त हो रहा है और नये विधायकों को शपथ दिलाने के लिए अगले हफ्ते विधानसभा का तीन दिनों का एक विशेष सत्र बुलाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि सरकार बनाने को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच गतिरोध का जल्द समाधान निकलने की उम्मीद है और निवर्तमान विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से पहले नयी सरकार का गठन हो सकता है.

भाजपा और शिवसेना, दोनों दलों के सूत्रों ने बताया कि हिन्दुत्व विचारधारा रखने वाले दोनों पुराने सहयोगी दलों के बीच अनौपचारिक बातचीत जारी है और गतिरोध जल्द समाप्त होने की उम्मीद है. एक सूत्र ने बताया, ‘‘हमें उम्मीद है कि गतिरोध जल्द समाप्त हो जाएगा. अगर सब कुछ सही रहा, तो नौ नवंबर से पहले नयी सरकार बन सकती है.’’ हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि भाजपा की ओर से शिवसेना को क्या पेशकश की गई है ताकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी को संतुष्ट किया जा सके। भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई समझौता नहीं करेगी.

गौरतलब है कि शिवसेना ‘‘50:50 फार्मूले’’ पर जोर दे रही है और मुख्यमंत्री पद ढाई साल के लिये मांग रही है, लेकिन भाजपा इस पर राजी नहीं है. शिवसेना का दावा है कि भाजपा इस फार्मूले पर सहमत हुई थी. महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा के लिये हाल में हुए चुनाव में भाजपा 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, जबकि शिवसेना 56 सीटों पर विजयी रही. शिवसेना ने पिछले कुछ दिनों में अपने सहयोगी दल के खिलाफ कड़े तेवर दिखाए हैं, जबकि भाजपा ने देखो और इंतजार करो की नीति अपनायी. शिवसेना ने राकांपा से भी सम्पर्क साधा.

हालांकि, राकांपा प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी और कांग्रेस को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है. उन्होंने कहा कि राज्य में सरकार बनाने की जिम्मेदारी भाजपा-शिवसेना की है. वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंतीवार ने बुधवार को कहा कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल बृहस्पतिवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करेगा. मुनगंतीवार ने कहा, ‘‘प्रदेश इकाई प्रमुख चंद्रकांत पाटिल के नेतृत्व में भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस द्वारा मंजूर एक संदेश के साथ कोश्यारी से मुलाकात करेगा.’’

गौरतलब है कि हालिया विधानसभा चुनाव में 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को सर्वाधिक 105 सीटों पर जीत मिली। शिवसेना 56, राकांपा 54 और कांग्रेस 44 सीटों पर विजयी रही. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को भाजपा और शिवसेना से महाराष्ट्र में यथाशीघ्र सरकार बनाने को कहा. साथ ही, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी पार्टी और उसकी सहयोगी कांग्रेस एक ‘‘जिम्मेदार विपक्ष’’ की भूमिका निभाएगी.

राउत से मिलने के बाद पवार ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे नीत पार्टी की सरकार में कांग्रेस के बाहर से समर्थन के साथ शामिल होने से इनकार कर दिया. उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक गलियारों में इस तरह के गठजोड़ के साथ सरकार गठन की अटकलें लगाई जा रही थी. पवार ने कहा ‘‘प्रश्न ही कहां उठता है (गैर भाजपा सरकार का)?’’ भाजपा और शिवसेना पिछले 25 वर्ष से साथ हैं और वे ‘‘ देर-सवेर साथ आ ही जाएंगे.’’ पवार ने कहा, ‘‘अगर हमारे पास संख्या बल होता, तो हम किसी का इंतजार नहीं करते. कांग्रेस और राकांपा 100 का आंकड़ा पार नहीं कर पाए... हम एक जिम्मेदार विपक्ष के तौर पर काम करेंगे.’’

भाजपा और शिवसेना के पास शासन करने का जनादेश होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ उन्हें जल्द से जल्द सरकार बना राज्य को संवैधानिक संकट से बचाना चाहिए, और हमें जो जनादेश मिला है(विपक्ष में बैठने का) वह काम हमें करने देना चाहिए.’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के बुधवार को नयी दिल्ली में केंद्रीय परिवहन मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी से मुलाकात करने के घटनाक्रम का पवार ने कोई राजनीतिक निहितार्थ निकालने से इनकार कर दिया और कहा, ‘‘यह मुलाकात जरूर ही सड़क से जुड़े किसी काम के बारे में रही होगी.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव ने यह धारणा बदल दी है कि भाजपा के बहुमत हासिल करने या नहीं करने की स्थिति में भी भगवा पार्टी के प्रमुख अमित शाह राज्य में सरकार गठन को सुनिश्चित कर सकते हैं, पवार ने कहा, ‘‘यदि वह विशेषज्ञ हैं तो आपकी (मीडिया की) तरह हम भी इस विशेषज्ञ के कौशल को देखने का इंतजार कर रहे हैं.’’

वहीं, राज्य में यथाशीघ्र सरकार बनाने की भाजपा और शिवसेना से पवार की अपील पर एक सवाल के जवाब में शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ‘‘वह सही हैं. 105 विधायकों वाली पार्टी को सरकार बनाना चाहिए.’’ राउत ने यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद साझा करने के विषय पर भाजपा और उनकी पार्टी के बीच सहमति बनी थी. उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा से कोई नया प्रस्ताव नहीं मिला है, ना ही शिवसेना की ओर से उसे भेजा गया है.’’ यह पूछे जाने पर कि मुख्यमंत्री पद को लेकर सहमति कब बनेगी, राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘चुनाव से पहले इस पद को लेकर सहमति बनी थी.’’

इस बीच, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य हुसैन दलवई ने बुधवार को मुंबई में शिवसेना नेता संजय राउत से मुलाकात की. दलवई ने बाद में षा को बताया कि राउत के साथ सकारात्मक चर्चा हुई और कांग्रेस तथा राकांपा को भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिये काम करना चाहिए. वहीं, राज्य में कृषि संकट पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस द्वारा बुधवार को बुलाई गई एक बैठक में शिवसेना से छह मंत्री शामिल हुए. भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंतीवार ने बताया कि भाजपा ने नये प्रदेश प्रमुख का चयन करने की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है. वर्तमान प्रदेश प्रमुख चंद्रकांत पाटिल अगले मंत्रिमंडल में बने रहेंगे.