महाराष्ट्र में आखिरकार जीत किसकी होगी और किसे हार का मुंह देखना पड़ेगा, अब इसका फैसला मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही होगा. इस बीच एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा कि जब बीजेपी असमर्थ रहेगी बहुमत साबित करने में तब हमें मौका दिया जाए. और सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए. उन्होंने फडणवीस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, नई सरकार का गठन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हुआ.
इसी के साथ उन्होंने ये भी बताया कि आज सुबह 10 बजे शिंदे,थोराट, चव्हाण, विनायक राउत, आज़मी, केसी पाडवी और मैंने - एनसीपी की ओर से, राज्यपाल को एक पत्र दिया जिसमें 162 विधायकों ने समर्थन दिया है. इसी के साथ उन्होंने ये भी दावा किया है कि राज्यपाल जब कहेंगे हम तभी 162 विधायकों को उनके सामने लाकर खड़ा कर देंगे
Jayant Patil, NCP: The current government in Maharashtra has been formed on the basis of false papers and documents. https://t.co/ArtNXMAY0Y
— ANI (@ANI) November 25, 2019
Jayant Patil, NCP: The current government in Maharashtra has been formed on the basis of false papers and documents. https://t.co/ArtNXMAY0Y
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Jayant Patil, NCP: Today morning at 10 am, Shinde ji, Thorat ji, Chavan ji, Vinayak Raut ji, Azmi ji, KC Padvi and I - on behalf of NCP, gave a letter to Governor showing strength of 162 MLAs. #Maharashtra pic.twitter.com/rsQ2QHof4Q
— ANI (@ANI) November 25, 2019
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र में सियासी संग्राम पर सुनवाई के दौरान सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में राज्यपाल के सेक्रेटरी जनरल की ओर से दलीलें पेश करते हुए कहा, विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. शिवसेना 56 सीटों के साथ दूसरे तो एनसीपी 54 सीटों के साथ तीसरे नंबर की पार्टी बनी. कांग्रेस को चुनाव में 44 सीटें मिली थीं. राज्यपाल कई दिन रुके. सरकार बनने तक का इंतजार किया. राज्यपाल ने पहले बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया. बीजेपी ने मना कर दिया तो शिवसेना को बुलाया और फिर एनसीपी को. सभी दलों ने सरकार बनाने में असमर्थता जताई. अंत में राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लगाया गया. इस दौरान तुषार मेहता ने राज्यपाल के संवैधानिक अधिकारों का भी जिक्र किया. तुषार मेहता ने कहा, राज्यपाल को इस मामले में पार्टी नहीं बनाया जा सकता और न ही उनके विवेक पर सवाल उठाया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट में सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने अजीत पवार द्वारा एनसीपी के विधायक दल के नेता की ओर से दी गई चिट्ठी को पेश किया. पत्र में सभी विधायकों के नाम दर्ज हैं. पत्र में अजीत पवार ने लिखा है, एनसीपी के विधायक दल का नेता होने के नाते मैं समर्थन पत्र सौंप रहा हूं. विधायकों ने मुझे अधिकार दिया है कि वे समर्थन को लेकर फैसला लें. तुषार मेहता ने कहा, राज्यपाल के सामने बीजेपी ने 170 विधायकों के समर्थन का दावा किया गया था. तुषार मेहता ने कहा, राज्यपाल का काम चिट्ठी को परखना नहीं है. तुषार मेहता ने कहा, हमें और वक्त मिलना चाहिए.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो