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जमीन घोटाला मामले में एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे के दामाद गिरीश चौधरी गिरफ्तार

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंगलवार के दिन तकरीबन 13 घंटे तक कड़ी पूछताछ के बाद गिरीश चौधरी को रात में गिरफ्तार किया गया था.

Updated on: 07 Jul 2021, 04:11 PM

highlights

  • एकनाथ खडसे से जनवरी के महीने में ईडी ने भोसरी लैंड स्कैम मामले में पूछताछ की थी
  • अधिवेशन खत्म होने के कुछ ही घंटों बाद यह बड़ी कार्रवाई ईडी ने की है
  • रेडी रैकोनर रेट से भी कम कीमत पर इस जमीन को खरीदने का आरोप है

मुंबई:

पुणे स्थित भोसरी जमीन घोटाला मामले में एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे को बड़ा झटका लगा है. इस जमीन घोटाला मामले में एकनाथ खडसे के दामाद गिरीश चौधरी को ईडी ने लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंगलवार के दिन तकरीबन 13 घंटे तक कड़ी पूछताछ के बाद गिरीश चौधरी को रात में गिरफ्तार किया गया था. एकनाथ खडसे ने कुछ दिन पहले कहा था कि मेरे पीछे ईडी लगाओगे तो मैं सीडी निकालूंगा. इसके पहले एकनाथ खडसे से इस साल जनवरी के महीने में प्रवर्तन निदेशालय ने भोसरी लैंड स्कैम मामले में पूछताछ की थी. महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान पीठासीन अध्यक्ष भास्कर जाधव के साथ बदसलूकी और धक्का-मुक्की के आरोप में 12 बीजेपी विधायकों को निलंबित किया गया था. अधिवेशन खत्म होने के कुछ ही घंटों बाद यह बड़ी कार्रवाई ईडी ने की है. यह कार्रवाई एनसीपी के लिए एक बड़ा झटका मानी जा रही है. गिरीश चौधरी को विशेष पीएमएलए अदालत ने 12 जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेज दिया.

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पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार में एकनाथ खडसे ने राजस्व मंत्री रहते हुए पुणे के भोसरी में 3.1 एकड़ वाले एमआईडीसी के प्लॉट को खरीदने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया था. उनके ऊपर यह आरोप साल 2016 में लगाया गया था. 31 करोड़ रुपए की कीमत वाले प्लॉट को केवल 3.7 करोड रुपए में ही बेचने का दावा किया गया था. रेडी रैकोनर रेट से भी कम कीमत पर इस जमीन को खरीदने का आरोप है.

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भोसरी की यह जमीन अब्बास उकानी नाम के व्यक्ति की थी. जिसको साल 1971 में एमआईडीसी ने अधिग्रहित किया था. हालांकि इस मामले में उकानी को नुकसान भरपाई देने का मुद्दा अभी अदालत में चल रहा है. ऐसा कहा जाता है कि में खडसे ने 12 अप्रैल 2016 को संबंधित अधिकारियों की एक बैठक बुलाई थी. जिसमें उन्होंने उकानी को जमीन वापस दी जाए या उन्हें ज्यादा नुकसान भरपाई दी जाए. इस बारे में जल्द से जल्द निर्णय लेने का आदेश दिया था. इसके तकरीबन एक पखवाड़े के भीतर उकानी ने खडसे के रिश्तेदारों ( पत्नी मंदाकिनी और दामाद गिरीश चौधरी) को यह जमीन बेच दी थी.