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NCP ने तीन ‘लापता’ विधायकों से संपर्क किया, पार्टी के साथ होने का दावा किया

महाराष्ट्र: रविवार सुबह तक पांच विधायकों- दौलत दरोडा (शाहपुर), नितिन पवार (कलवन), नरहरी झिरवाल (डिंडोरी), बाबासाहेब पाटिल (अहमदपुर), अनिल पाटिल (अमलनेर) के लापता होने की सूचना है.

Updated on: 24 Nov 2019, 03:26 PM

मुंबई:

राकांपा (NCP) ने रविवार को दावा किया है कि शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फड़णवीस और उपमुख्यमंत्री के रूप में अजित पवार के शपथ ग्रहण के बाद ‘लापता’ हुए उसके पांच में से तीन विधायक से संपर्क किया गया है और वे पार्टी के साथ हैं. पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि रविवार सुबह तक पांच विधायकों- दौलत दरोडा (शाहपुर), नितिन पवार (कलवन), नरहरी झिरवाल (डिंडोरी), बाबासाहेब पाटिल (अहमदपुर), अनिल पाटिल (अमलनेर) के लापता होने की सूचना है.

उन्होंने कहा कि पार्टी ने अनिल पाटिल, बाबासाहेब पाटिल और दरोडा से संपर्क किया है. राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने रविवार को अनिल पाटिल के ट्वीट को टैग करते हुये ट्वीट किया, जिसमें कहा गया कि वह (पाटिल) राकांपा का हिस्सा बने रहेंगे और उन्होंने शरद पवार के नेतृत्व में विश्वास व्यक्त किया. पाटिल ने ट्वीट में कहा कि वह राजभवन गए थे क्योंकि अजित पवार विधायक दल के नेता थे.

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पाटिल ने ट्वीट में कहा, ‘‘मुझे इस बारे में जानकारी नहीं थी कि राजभवन में क्या होने वाला है. मैं शरद पवार के साथ हूं.’’ मलिक ने कहा कि यह पाटिल की पार्टी में वापसी का संकेत है. मलिक ने रविवार को कहा कि पार्टी ने दरोडा और बाबा साहेब पाटिल के दो अलग-अलग वीडियो जारी किए हैं, जिसमें उन्हें यह कहते हुए देखा गया है कि वे राकांपा के साथ हैं. राकांपा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘झिरवाल और नितिन पवार से संपर्क किये जाने का भी प्रयास चल रहा है. सभी आज शाम तक पार्टी के साथ वापस आ जाएंगे.’’ उन्होंने कहा कि अजित पवार को भी पार्टी में लौट आने के लिए समझाने की कोशिश की जा रही हैं.

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मलिक ने कहा, ‘‘अगर वह अपनी गलती स्वीकार कर लेते हैं तो यह उनके लिए बेहतर होगा. हम उन्हें अकेले नहीं छोड़ना चाहते हैं.’’ इससे पहले शनिवार को, दौलत दरोडा के परिवार ने पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई है. दरोडा शनिवार को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए राजभवन पहुंचने के बाद से ही लापता हैं. एक अन्य महत्त्वपूर्ण घटना में, भाजपा सांसद संजय काकडे और राकांपा नेता जयंत पाटिल, छगन भुजबल और बबन शिंदे ने सुबह शरद पवार से यहां उनके आवास पर मुलाकात की. 15 मिनट तक चली बैठक के बाद, काकडे ने कहा कि वह अपने ‘‘निजी काम’’ के लिए पवार से मिलने आये थे. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने भी शरद पवार से मुलाकात की.

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बाद में, चव्हाण ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना मिलकर सरकार बनाएंगी क्योंकि उनके पास ‘‘संख्या बल’’ है. उन्होंने कहा, ‘‘राकांपा के सभी गैरहाजिर विधायक जल्द ही पार्टी में लौट आएंगे. कांग्रेस के सभी विधायक एकजुट हैं.’’ राकांपा नेता अजित पवार तथा पार्टी के कुछ और विधायकों की मदद से महाराष्ट्र में शनिवार को भाजपा की सत्ता में वापसी के बाद अनिल पाटिल और दौलत दरोडा सहित राकांपा के कुछ विधायक ‘लापता’ हो गए थे. सूत्रों के अनुसार, शरद पवार के पोते रोहित पवार समेत 45 से अधिक राकांपा विधायकों को ‘‘खरीद-फरोख्त’’ से बचाने के लिए उपनगर के एक रिजॉर्ट में भेजा गया है.

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महाराष्ट्र में हुए आश्चर्यजनक उलटफेर में शनिवार को भाजपा के देवेंद्र फडणवीस की मुख्यमंत्री के रूप में वापसी हुई जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ जब कुछ घंटे पहले ही कांग्रेस और राकांपा ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनाने पर सहमति बनने की घोषणा की थी. बाद में शिवसेना ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ‘‘मनमानी और दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई/फैसले’’ के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में रिट याचिका दायर की.

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राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा आनन-फानन में राजभवन में शनिवार सुबह आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में नाटकीय तरीके से फडणवीस और पवार को शपथ दिलाए जाने के बाद राकांपा में दरार दिखाई देने लगी. पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने भतीजे अजित पवार के कदम से दूरी बनाते हुए कहा कि फडणवीस का समर्थन करना उनका निजी फैसला है न कि पार्टी का. बाद में राकांपा ने अजित पवार को पार्टी विधायल दल के नेता पद से हटाते हुए कहा कि उनका कदम पार्टी की नीतियों के अनुरूप नहीं है. उल्लेखनीय है कि भाजपा और शिवसेना ने विधानसभा चुनाव में क्रमशः 105 और 56 सीटें जीती हैं, जबकि राकांपा और कांग्रेस को क्रमशः 54 और 44 सीटों पर जीत मिली है.