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भामरागढ़ तहसील के कसनासुर गांव में नक्सलीयों का तीन ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया
छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य (महाराष्ट्र) के गढ़चिरौली जिले के भामरागढ़ तहसील के कसनासुर गांव में नक्सलीयों का तीन ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया. ऐसा माना जा रहा है कि कसनासूर गांव में ही चला था देश का सबसे बड़ा नक्सलविरोधी अभियान, अप्रैल 2018 में एंटी नक्सल मूवमेंट के तहत 40 नक्सलियों मार गिराया था.
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उसी घटना के बाद से बदला लेने के फिराक में नक्सली बड़ी संख्या में गांव पहुंचकर खून की होली खेली. मालु डोग्गे मडावी, कन्ना रैनू मडावी और लालसु कुडयेटी नाम के तीनों ग्रामीणों का नक्सलियों ने गला रेतकर मारा था. उनके क्षत विक्षत शव सड़क पर फेंककर नक्सली फरार हो गए.
अप्रैल 2018 में क्या हुआ था कसनासूर गांव में
- 22 अप्रैल 2018 ताड़गांव-कसनासुर के जंगल में जवानों के साथ नक्सली मुठभेड़ हुई. उस दौरान 16 नक्सलियों के शव मिले थे. बारिश और रात होने से सर्च अभियान रोक दिया गया. दो दिन बाद खोजबीन फिर शुरू हुई तो इंद्रावती में 15 नक्सलियों के शव मिले. इनमें 7 पुरुष और 8 महिला नक्सली थे.
- 23 अप्रैल 2018 जिमलगट्टा के नैनेर जंगल में हुई मुठभेड़ में 6 नक्सली मारे गए थे. इनमें 4 महिला व 2 पुरुष थे. इन पर कुल 30 लाख रुपए का इनाम था. इनका प्रमुख अहेरी दलम का नंदू उर्फ विक्रम उर्फ वासुदेव था. पश्चिम बस्तर की क्रांति, अहेरी दलम की उप-कमांडर लता उर्फ माधुरी, पेरमिली दलम सदस्य कार्तिक उइके, जयशिला गावड़े मारे गए थे.
- इस तरह कुल 40 नक्सली पुलिस ने मार गिराया था. 37 में से 19 महिलाएं व 18 पुरुष थे. सभी मिलाकर कुल 1 करोड़ 6 लाख रुपए के इनामी थे.
- मुठभेड़ में सी-60 फोर्स ने नक्सलियों को मारा था. सी-60 यानी क्रैक 60, जिसका गठन एटीएस चीफ केपी रघुवंशी ने 27 साल पहले किया था.
Source : News Nation Bureau
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