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Maharashtra: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले महायुति में सबकुछ ठीक नजर नहीं आ रहा है. एक बार फिर से नवाब मलिक और प्रदेश के डिप्टी सीएम अजित पवार एक साथ मंच साझा करते हुए देखे गए, जो एनडीए की मुश्किलें बढ़ा सकता है. दरअसल, मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी नवाब मलिक से पहले भी बीजेपी ने अजित पवार को दूर रहने की सलाह दी थी. पिछले साल लेटर लिखकर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने नवाब मलिक को अपने किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं करने की सलाह अजित पवार को दी थी.
फिर एक साथ दिखें नवाब मलिक और अजित पवार
बावजूद इसके सोमवार को दोनों नेता साथ दिखें. इतना ही नहीं नवाब मलिक की बेटी सना मलिक को पवार ने एनसीपी का प्रवक्ता घोषित किया है. अजित पवार और नवाब मलिक एक-दूसरे के करीबी बताए जाते हैं, लेकिन पवार का यह फैसला एनडीए में दरार पैदा कर सकता है. उनके इस फैसले से कई तरह की अटकलें तेज हो गई है.
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नवाब मलिक की बेटी को पवार ने दी बड़ी जिम्मेदारी
सूत्रों की मानें तो अजित पवार सना मलिक को आगामी विधानसभा चुनाव में एनसीपी से टिकट भी दे सकती है. फिलहाल इसे लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. रक्षाबंधन के दिन आयोजित इस कार्यक्रम में पवार ने मंच से ही लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सना कल से एनसीपी की प्रवक्ता रहेंगी. बेटी के एनसीपी में शामिल होने के दौरान नवाब मलिक भी मच पर मौजूद थे. सना ने जिम्मेदारी मिलने के बीद मंच से कहा कि हमारा रिश्ता 13 साल पुराना है. आपने रक्षाबंधन के दिन मुझे यह मौका दिया. हमने पांच साल पहले भी इस मंच से विधानसभा चुनाव की शुरुआत की थी और भारी मतों से जीत हासिल की थी.
फरवरी 2022 में नवाब मलिक को किया गया था गिरफ्तार
आपको बता दें कि नवाब मलिक पर मनी लॉन्ड्रिंग के अलावा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा अंडरवर्ल्ड आतंकवादी और 1993 के मुंबई बम विस्फोट में भी संदिग्ध पाया गया. मलिक पर गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. जिसके बाद उन्हें फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया गया था. वहीं, अगस्त 2023 से वह अंतरिम जमानत पर हैं.