नागपुर हिंसा में 38 वर्षीय इरफान अंसारी की इलाज के दौरान मौत हो गई. नागपुर हिंसा में इरफान अंसारी गंभीर रूप से घायल हो गए थे. उन्हें डॉक्टर बचा नहीं सके. वे शहर के मेयो अस्पताल में भर्ती थे. घटना वाले दिन यानी 17 मार्च को नागपुर रेलवे स्टेशन जाते समय उन पर हमला हो गया था. पुलिस घटना की जांच कर रही है.
मृतक के भाई ने क्या बताया
मृतक इरफान अंसारी के भाई इमरान सानी के अनुसार, भाई को बचाने के लिए हमने पूरा प्रयास किया. मगर उसे हम बचा नहीं सके. डॉक्टरों ने उसका बेहतर इलाज किया. मगर वे उसे बचा नहीं पाए. उनका भाई अंसारी ऑटो में बैठकर इटारसी जंक्शन रेलवे स्टेशन के लिए निकले थे. इस दौरान ऑटो वाले ने उससे कहा कि वह आगे नहीं जाएगी, आगे का माहौल सही नहीं है.
उन्होंने बताया कि भाई ने तब रेलवे स्टेशन तक पैदल जाने का निर्णय लिया. इस दौरान रास्ते में उसे कुछ अज्ञात लोगों ने रोका और उन पर हमला कर दिया. वे बेहोश हो गए. उसके सिर पर गंभीर चोट आई. पैर टूट गया. पीठ में चोट आई. उसने कहा कि उस पर लोगों ने हमला किया. भाई ने कहा कि हम आरोपियों के लिए सख्त सजा की मांग करते हैं. भविष्य में किसी के साथ इस तरह का दुर्भाग्यपूर्ण व्यवहार न हो.
दंगाइयों की संपत्ति होगी जब्त
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को कहा कि नागपुर हिंसा के समय नुकसान पहुंचाई संपत्तियों की कीमत दंगाइयों से वसूली जाएगी. भुगतान न करने पर उनकी संपत्तियों को जब्त किया जाएगा.
इतने दंगाइयों की पहचान की गई
सीएम फडणवीस ने मीडिया को बताया कि सीसीटीवी कैमरों के वीडियो और फुटेज का विश्लेषण करने के बाद 104 दंगाइयों की पहचान हो चुकी है. कानून के तहत 12 नाबालिगों समेत 92 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई.