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Mumbai Rain Photograph: (Social Media)
मुंबई में बीते दिनों हुई बारिश ने मायानगरी का हाल बेहाल कर दिया… और अब मुंबई में मानसून का आफ्टर इफ़ेक्ट मुंबई के लोगों की परेशानी बढ़ा रहा है. बारिश और बाढ़ के बाद मुंबई में मानसून से जुड़ी बीमारियों के फैलने से बीएमसी चिंता में है और अब मुंबई के लोगों को इन बीमारियों से बचाने के लिए बीएमसी सड़क से लेकर अस्पतालों तक बड़ी तैयारियों के साथ मुहिम चला रही है.
मुंबई को बीमारियों से बचाने के लिए डोर टू डोर कैंपेन
देश की आर्थिक राजधानी मायानगरी मुंबई में 16 अगस्त से 18 अगस्त तक हुई मूसलाधार बारिश ने पूरे शहर का चक्काजाम कर दिया था. जगह जगह पर सड़कें नदियों और तालाब का रूप ले चुकी थी. तीन दिनों तक मुंबई पर क़हर बरपाने के बाद मानसून तो शांत हो गया लेकिन इसका आफ्टर इफ़ेक्ट अब मुंबई के लोगों को डरा रहा है. मुंबई में बाढ़ जैसे हालातों के बाद अब डेंगू, मलेरिया जैसी मौसमी बीमारियों ने बीएमसी की चिंता बढ़ा दी है वहीं आने वाले दिनों में लेप्टोस्पायरोसिस जैसी खतरनाक बीमारी के फैलने का संकट मुंबई पर बना हुआ है लिहाजा बीएमसी एक बड़ी मुहिम के साथ डोर टू डोर जाकर लोगों को दवाईयां बांट रहे हैं साथ ही झुग्गी बस्तियों में फोगिंग और सैनिटाइजेशन का काम युद्धस्तर पर शुरू है.
अस्पतालों में मानसून के लिए बनाया गया स्पेशल वार्ड
मानसून के शुरू होने के साथ ही मुंबई में डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड, जैसी बीमारियों के मामले बढ़ने शुरू हो जाते हैं लेकिन बीते दिनों की बारिश के बाद मरीजों की संख्या में अचानक उछाल आया है. लिहाजा बीएमसी के अस्पतालों में मानसून वार्ड बनाए गए हैं. मुंबई के राजावाड़ी अस्पताल की डॉ. शीतल शिंदे ने बताया की मुंबई में बीएमसी ने मौसमी बीमारियों से लड़ने के लिए काफ़ी पहले तैयारियाँ शुरू कर दी थी.राजावाड़ी अस्पताल में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग अलग मानसून वार्ड बनाये गए हैं. लेकिन हाल के दिनों में जिस तरह से मानसून ने मुंबई में हाहाकार मचाया था तब से मौसमी मरीजों की संख्या बहुत तेज़ी से बढ़ी है जिसके बाद अस्पताल में व्यवस्था भी बढ़ा दी गई है.
मुंबई पर Rat Fever का खतरा, घर घर जाकर बीएमसी बांट रही है दवाई
मुंबई के अस्पतालों में मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच डॉक्टरों की नज़र है लेप्टोस्पायरोसिस नाम की बीमारी पर जिसे Rat Fever भी कहा जाता है. RAT FEVER बेहद ही खतरनाक बीमारी है जिसे समय रहते नही पहचाना गया तो ये शरीर में लिवर, किडनी और ब्रेन जैसे ऑर्गन को नुकसान पहुँचा सकता है जिससे इंसान की मौत भी हो सकती है. मुंबई में बाढ़ जैसे हालातों के बाद डॉक्टरों को लेप्टोस्पायरोसिस के फैलने का खतरा सता रहा है. क्युकी इस बीमारी के लक्षण आने में 7-10 दिन लगते हैं इसलिए बीएमसी के अस्पतालों में इसकी तैयारियाँ अभी से शुरू कर दी गई है. वहीं बीएमसी द्वारा डोर टू डोर कैंपेन चलाकर लोगों को दवाईयां बांटी जा रही है.
मुंबई में बारिश और बाढ़ के संकट के बाद अब बीएमसी बीमारियों के ब्लास्ट को रोकने के लिए हर मुमकिन कदम उठा रही है. सड़कों पर गलियों में लोगों को दवा दी जा रही है उन्हें जागरूक किया जा रहा है तो वहीं मुंबई के हर सरकारी और बीएमसी अस्पताल अपने पूरे स्ट्रेंथ के साथ मरीजों के इलाज में लगा हुआ है.