मुंबई में शनिवार को एक आरोपी को पोक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था. उसने पुलिस हिरासत से बचने के लिए छत से कूदकर जान दे दी. उसने दिनदोशी सेशन कोर्ट में ही छठी मंजिल से कूदकर जान दे दी. वह पुलिस से भागने की कोशिश कर रहा था. इस दौरान वह छठे मंजिल से कूद गया. जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
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आरोपी को यौन उत्पीड़न के मामले में पोक्सो एक्ट प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंस (protection of children from sexual offence) के तहत गिरफ्तार किया गया था. पॉक्सो एक्ट के तहत बच्चों के आक्रामक यौन उत्पीड़न करने पर मौत की सजा का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा, 18 वर्ष से कम आयु के बालक/ बालिका के खिलाफ अन्य अपराधों के लिए कठोर दंड मिलेगा. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि बच्चों का यौन अपराधों से संरक्षण होना चाहिए और मंत्रिमंडल ने यौन अपराधों से बाल संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की विभिन्न धाराओं में संशोधन को मंजूरी दी है. मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए प्रसाद ने कहा कि पॉक्सो अधिनियम, 2012 की धारा - चार, पांच, छह, नौ, 14,15 और 42 में संशोधन बाल यौन अपराध के पहलुओं से उचित तरीके से निपटने के लिए किया गया है.
HIGHLIGHTS
- युवक ने छत से कूदकर दी जान
- युवक को पोक्सो एक्ट के तहत किया गया था गिरफ्तार
- दिनदोशी सेशन कोर्ट की छत से कूदकर दी जान