Mumbai AQI: आमतौर पर राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की बात कही जाती है लेकिन मायानगरी मुंबई में प्रदूषण की बात कहना हर किसी के लिए चौंकाने वाला हो सकता है. क्योंकि यहां दिल्ली के मुकाबले हवा काफी साफ होती है, लेकिन शुक्रवार को हुई भारी बारिश के बाद दिल्ली की हवा भी साफ हो गई है और वायु गुणवत्ता सूचकांक पहले से काफी बेहतर हुआ है, लेकिन इस बीच मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक में गिरवाट की बात सामने आई है और यहां का एक्यूआई काफी खराब हो गया है.
मुंबई में खराब हुई वायु गुणवत्ता
बता दें कि मायानगरी मुंबई में इनदिनों वायु गुणवत्ता सूचकांक काफी खराब हो गया है. जिससे हर कोई चिंतत है. मुंबई का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रीडिंग कुछ क्षेत्रों में सामान्य रूप से देखी जाने वाली रीडिंग से काफी ऊपर नजर आ रही है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के ताजा मुंबई मौसम अपडेट के अनुसार, मुंबई में आज भी बादल छाए रहने की उम्मीद है, सुबह में तापमान 18 डिग्री सेल्सियस से लेकर दिन के दौरान 32 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया जा सकता है.
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वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के समीर ऐप ने अपने नवीनतम मुंबई मौसम अपडेट में बताया है कि शहर की वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में बनी हुई है, सुबह 9:05 बजे एक्यूआई 160 दर्ज किया गया. जो मुंबई के आमदिनों की तुलना के एक्यूआई से काफी ऊपर है. बता दें कि देश की आर्थिक राजधानी के मौजूदा हालात में सबसे अहम कारण यहां छाए रहने वाले स्मॉग का है.
सुबह के समय मुंबई में हो जाता है स्मॉक
वहीं महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक पूर्व सदस्य ने कहा कि आमतौर पर सुबह 9.30 बजे तक स्मॉग खत्म हो जाता है. लेकिन हाल के दिनों में, यह उस सीमा से आगे बना हुआ है और केवल सुबह 11 बजे या उसके बाद ही मौसम साफ हुआ है.
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क्यों खराब हो रही मायानगरी की हवा
दरअसल, मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है. जहां हर समय निर्माण कार्य चलते रहते हैं. शहर और आसपास के क्षेत्रों में मेट्रो परियोजनाएं पर चल रहे कार्य के चलते मुंबई में वायु गुणवत्ता में गिरावट के लिए महत्वपूर्ण कारक बन जाती है. पूर्व नगर आयुक्त इकबाल सिंह चहल के अनुसार, 2023 में पूरे शहर में 6,000 से अधिक निर्माण स्थल सक्रिय थे.
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11 हजार से ज्यादा परियोजनाओं पर चल रहा काम
वहीं वर्तमान में मायानगरी में लगभग 11,000 परियोजनाओं पर काम चल रहा है. यदि इसमें बुनियादी ढांचे के विकास को भी शामिल कर लिया जाए तो यह संख्या और भी अधिक है. आर सेंट्रल वार्ड में 942 निर्माण स्थलों की संख्या सबसे अधिक है, जबकि के ईस्ट वार्ड में 933 के साथ निर्माण स्थल हैं, वहीं वेस्ट वार्ड में 815, सेंट्रल उपनगर में 45 गगनचुंबी इमारतों का निर्माण किया जा रहा है, वहीं पश्चिमी उपनगरों में लगभग 30 टावर स्थापित किए गए हैं.