Mumbai Crime: मुंबई की वनराई पुलिस ने डेढ माह के बच्चे के अपहरण के मामले को सुलझा लिया है. इस दौरान एक बड़े गैंग का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें दो महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं. आरोपियों को मालवानी इलाके से पकड़ा गया है. इस केस में जानकारी सामने आई है कि आरोपियों ने बच्चे को 5 लाख रुपये में बेचने का प्लान बनाया था.
यह मामला दो मार्च की सुबह के वक्त का है. गोरेगांव पूर्व स्थित वनराई पुलिस स्टेशन के इलाके में वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर मौजूद एक बस स्टैंड के पास एक गुजराती परिवार का 2 माह का बच्चा अचानक गायब हो गया. परिवार वाले उस समय सो गए थे. बच्चा उनके पास था. परिवार के सदस्यों ने इसके बाद तुरंत पुलिस स्टेशन में इसकी सूचना दी. पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और जांच शुरू कर दी.
11,000 ऑटो की जांच की गई
पुलिस ने इस दौरान छह अलग-अलग टीमों का गठन किया और जांच शुरू कर दी. पुलिस के अनुसार, 11,000 ऑटो की जांच की गई. इसमें एक पीला जैकेट पहले ऑटो रिक्शा चालक संदिग्ध पाया गया. पुलिस को यह जानकारी मिली कि आटो चालक ने ही इस घटना को अंजाम दिया. वह मालवानी की ओर निकला था. पुलिस ने जब ऑटो चालक को पकड़ा और पूछताछ की तो पता चला कि उसके घर में एक बच्चे के आने की सूचना प्राप्त हुई.
जांच के दौरान हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई कि आरोपी राजू मोरे की दो पत्नियां हैं. पहली पत्नी मंगल मोरे के पास बच्चा नहीं था. वह कई साल से परेशान थी. राजू मोरे की दूसरी पत्नी फातिमा शेख ने 5 लाख रुपये में बच्चे को गोद लेने इच्छा जताई. लेकिन, गोद लेने में पैसे खर्च करने थे. ऐसे में आरोपी राजू मोरे ने बच्चे के अपहरण की योजना तैयार की. तीन दिनों तक वनराई के वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर रेकी की. यहां पर आने जाने वालों को देखा.
आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया
आरोपी ने ऑटो की मदद ली. जब परिवार के सदस्य सो रहे थे, तब बच्चे को चुरा लिया. बाद में फरार हो गया. आरोपी राजू मोरे और उसकी पत्नी फातिमा शेख ने इस घटना को अंजाम दिया. पुलिस मीडिया को बताया कि करीब 11,000 ड्राइवरों के डेटा की जांच की गई. इसके बाद संदिग्ध चालक की पहचान हो सकी. आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. बच्चे को सुरक्षित बरामद किया गया. पुलिस ने बताया कि बच्चा चोरी करके उसे बचने का प्लान था.