मुंबई में चेंबूर से मोनोरेल मंगलवार को तेज बारिश में स्टेशन से रवाना होने के कुछ ही देर बाद अटक गई. इस मोनो रेल यात्री इसमें सवार थे. उन्हें लगा था कि बारिश में मौसम में मोनो रेल का सफर आसान होगा. वे बारिश से भी बचेंगे और जल्द अपने गंतव्य पर पहुंच भी जाएंगे. मगर ऐसा नहीं हुआ शाम करीब 6:15 मिनट यह रेल अटक गई. इसके साथ ही अंदर सवार 100 यात्रियों की सांसे थम गईं. दो घंटे तक रेल यहां पर अटकी रही. बृहनमुंबई नगर पालिका (बीएमएसी) ने खिड़की तोड़कर यात्रियों को रेस्क्यू कराया.
जिस समय यह हादसा हुआ उस समय मोनोरेल में 400 यात्री सवार थे. एक यात्री ने अपनी आपबीती सुनाई और कहा कि 'कम से कम दो घंटे हो गए हैं, सर हम फंसे थे. अंदर लाइट भी नहीं थी. राइट साइड से लेफ्ट साइड में किया गया. उसके बाद फायर ब्रिगेड आई और आधे घंटे के बाद रेस्क्यू शुरू हुआ. अंदर बच्चे और बुजुर्ग भी थे. गर्मी की वजह से पब्लिक का बुरा हाल था. बुजुर्ग को सांस लेने में समस्या हो रही थी. सबसे ज्यादा खतरा था कि मोनोरेल एक साइड में झुकी थी. सबको खिड़की तोड़कर निकाला गया. '