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Maharashtra: उद्धव ठाकरे के करीबी नेता ने पार्टी छोड़ी, कभी इस मामले में हुआ था नाम

Maharashtra:शिशिर शिंदे उस वक्त चर्चा आए, जब 1991 में जब पार्टी ने भारत-पाकिस्तान का मैच रोकने का प्रयास किया.

Updated on: 18 Jun 2023, 01:13 PM

नई दिल्ली:

Maharashtra: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के पूर्व विधायक शिशिर शिंदे ने शनिवार को पार्टी को छोड़ दिया. अपने इस्तीफे में उन्होंने पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को लिखा कि एक वर्ष पहले शिवसेना (यूबीटी) का उपनेता बनाने के  उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि बीते छह माह में ठाकरे से मिलना ‘असंभव’ हो गया था. शिशिर शिंदे ने अपनी सफाई में कहा, ठाकरे गुट में वह आजादी नहीं महसूस कर रहे थे.  पत्र में लिखा है कि चार वर्ष तक उन्हें किसी तरह की जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई. इस कारण उनके जीवन के चार वर्ष खराब हो गया. शिशिर शिंदे की पहचान एक वरिष्ठ नेता के रूप में रही है. 

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राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना से जुड़ गए

शिशिर शिंदे उस समय चर्चा में आए, जब 1991 में जब पार्टी ने भारत-पाकिस्तान का मैच रोकने का प्रयास किया. उस दौरान मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम की पिच खोद दी गई थी. इसके बाद वे राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना से जुड़ गए. वे 2009  में उपनगरीय भांडुप से विधायक बने. वर्ष 2018 में दोबारा वह शिवसेना में लौट आए थे. शिशिर शिंदे शिवसेना के उपनेता बने. 2009 में भांडुप विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनाया गया. मगर वर्ष 2014 में हुए चुनाव में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा. 

उन्होंने अपने खत में लिखा कि ‘हर कार्यकर्ता की किसी न किसी तरह की पहचान होती है। कार्यकर्ता में कुछ गुण होते हैं। मगर उन्हें खेद है कि इन चार सालों में उनकी उपलब्धियों, संगठनात्मक कौशल का उपयोग नहीं किया। हालांकि, उन्हें यह बताते हुए  गर्व हो रहा उनकी वजह किसी मामले में शिवसेना की बदनामी नहीं हई। उन्होंने आगे लिखा इस पत्र के जरिए कोई सार्वजनिक आरोप लगाए बिना, मैं आपको ‘जय महाराष्ट्र’ कहता हूं.