महाराष्ट्र में काउंटडाउन शुरू हो गया है. सत्ता की चाबी किसके हाथ होगी इसका फैसला आने वाले एक-दो दिनो में हो जाएगा. बीजेपी ने राज्यपाल से मुलाकात कर अपना रुख साफ कर दिया है कि वह सरकार नहीं बना सकती क्योंकि उसके पास बहुमत नहीं है. वहीं अब राज्यापल ने सोमवार सात बजे तक शिवसेना को बहुमत साबित करने का वक्त दिया है.
बात करें मौजूदा राजनीतिक स्थिति की तो अब तक शिवसेना के सामने दुविधा थी कि वो सरकार बनाने के लिए कांग्रेस एनसीपी की शर्त मानें या कोई अन्य रास्ता ढूंडे लेकिन शिवसेना सांसद अरविंद सावंत के केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने के ऐलान के साथ ही ये साफ हो गया है कि शिवसेना राज्य में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस-एनसीपी की शर्त मान सकती है.
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क्या है कांग्रस-एनसीपी की शर्त?
दरअसल कांग्रेस-एनसीपी की शर्त थी कि वो तब तक शिवसेना को समर्थन नहीं देंगे जब तक वो बीजेपी के साथ है. उनकी शर्त थी कि अगर शिवसेना बीजेपी से गठबंधन तोड़ एनडीए से बाहर आती है तो वह शिवसेना को समर्थ देने के बारे में सोच सकते हैं. ऐसे में शिवसेना सासंद अरविंद सावंत के केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के ऐलान के साथ ही ये लगभग साफ हो चुका है कि शिवसेना ने एनसीपी कांग्रेस की शर्त मान ली है और अब वह एनडीए से बाहर आकर सरकार बनाएगी.
कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के साथ आने से क्या होगा गणित
माना जा रहा है कि अगर शिवसेना बीजेपी से गठबंधन तोड़ सरकार बनाने के लिए राजी होती है तो एनसीपी शिवसेना के साथ गठबंधन करेगी और कांग्रेस बाहर से समर्थन देगी. ऐसी स्थिति में कांग्रेस की 44, NCP की 54 और शिवसेना की 56 सीटे जोड़कर शिवसेना-एनसीपी गठबंधन के पास 154 हो जाएगी. बहुमत साबित करने के लिए 145 सीटों की जरूरत है.
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बता दें, प्रदेश में बीजेपी-शिवसेना के बजाय बहुदलीय सरकार बनने को अग्रसर है. राज्य में मिली जुली सरकार बनेगी. कांग्रेस, एनसीपी (NCP) और शिवसेना की सरकार बनेगी. इस बीच एनसीपी नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर गवर्नर (Governor) शिवसेना (Shiv Sena) को सरकार बनाने का दावा करने के लिए आमंत्रित करते हैं, तो हम अपने अगले कदम के बारे में सोचेंगे. अभी हमें शिवसेना से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. अंतिम निर्णय कांग्रेस (Congress) और राकांपा मिलकर लेगी.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो