मुंबई: खेतों में काम करने वाले किसानों के लिए एक खतरनाक सांप जान का दुश्मन बनता जा रहा है, जिसे रसेल वाइपर के नाम से जाना जाता है. महाराष्ट्र के कई इलाकों में इस जहरीले सांप की मौजूदगी तेजी से बढ़ रही है, खासकर पश्चिमी घाट के सांगली और कोल्हापुर जिलों में इसे देखा गया है.
कितना खतरनाक है रसेल वाइपर
सांपों का नाम सुनते ही आम इंसान के रोंगटे खड़े हो जाते हैं, और रसेल वाइपर की बात हो तो डर और भी गहरा हो जाता है. यह सांप इतना जहरीला होता है कि इसके डसने के बाद पीड़ित को अक्सर बचने का मौका भी नहीं मिलता. कई बार तो इंसान को पानी मांगने तक का वक्त नहीं मिलता.
सर्पदंश के आंकड़े बेहद चिंताजनक
महाराष्ट्र में सर्पदंश के आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं. पिछले तीन सालों में राज्य में कुल 12 लाख से अधिक लोग सांपों के शिकार बने हैं. इनमें से 664 लोगों की मौत हो चुकी है. अकेले 2023-24 में करीब 48,711 सर्पदंश के मामले सामने आए, जिनमें 126 लोगों की जान गई. 2024-25 में अब तक 282 मौतें दर्ज हो चुकी हैं, और इनमें सबसे ज्यादा मौतें रसेल वाइपर के कारण हुई हैं.
रसेल वाइपर अक्सर खेतों, झाड़ियों और इंसानी बस्तियों के आसपास रहना पसंद करता है. यह आमतौर पर रात में सक्रिय होता है, जब किसान या मजदूर खेतों में काम कर रहे होते हैं. कई बार यह झाड़ियों या मिट्टी के नीचे छिपा होता है और अचानक हमला कर देता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि सर्पदंश से बचाव के लिए किसानों को गमबूट्स पहनने की सलाह दी जाती है. साथ ही, खेत या झाड़ियों में हाथ डालने से पहले लकड़ी या किसी लंबी छड़ी से पहले जांच करनी चाहिए.
दो महिला किसानों ने सुनाई आप बीती
हाल ही में दो महिला किसानों ने रसेल वाइपर के काटने के अपने अनुभव साझा किए. एक महिला ने बताया कि कपास के खेत में काम करते समय उन्हें सांप ने काट लिया, वहीं दूसरी महिला को जानवरों को चारा डालते वक्त सांप ने डस लिया. सौभाग्य से दोनों को समय पर इलाज मिल गया, लेकिन हर कोई इतना भाग्यशाली नहीं होता.
डॉक्टरों के मुताबिक, रसेल वाइपर के अलावा करैत के डसने से न्यूरोपैरालिसिस भी हो सकता है, जिसमें मरीज सांस नहीं ले पाता और वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है.
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