महाराष्‍ट्र : शिवसेना, NCP और कांग्रेस में सिर-फुटौव्‍वल, 'सामना' के 'हितोपदेश' से मुश्‍किलें और बढ़ीं

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Udhav Thackeray) के नेतृत्‍व में महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) के सहयोग से सरकार तो बन गई, लेकिन मंत्री पद को लेकर तीनों दलों में सिर-फुटौव्‍वल के हालात हैं.

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Udhav Thackeray) के नेतृत्‍व में महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) के सहयोग से सरकार तो बन गई, लेकिन मंत्री पद को लेकर तीनों दलों में सिर-फुटौव्‍वल के हालात हैं.

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Sunil Mishra
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महाराष्‍ट्र : शिवसेना, NCP और कांग्रेस में सिर-फुटौव्‍वल, 'सामना' के 'हितोपदेश' से मुश्‍किलें और बढ़ीं

महाराष्‍ट्र : 'सामना' के 'हितोपदेश' से तीनों दलाें की मुश्‍किलें बढ़ीं( Photo Credit : File Photo)

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Udhav Thackeray) के नेतृत्‍व में महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) के सहयोग से सरकार तो बन गई, लेकिन मंत्री पद को लेकर तीनों दलों में सिर-फुटौव्‍वल के हालात हैं. कैबिनेट विस्‍तार (Cabinet Expansion) के बाद शिवसेना (Shiv Sena), राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस (Congress) में अहम मंत्रालयों को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है. इस बीच में शिवसेना के मुखपत्र सामना के 'हितोपदेश' से हालात और बिगड़ते जा रहे हैं. जैसा कि पहले से आपको जानकारी है, सामना ऐसा मुखपत्र है, जिसकी कलम विरोधियों के खिलाफ कम और सहयोगियों के खिलाफ अधिक आग उगलती है. सामना का मोदी सरकार से अधिक भुक्‍तभोगी आखिर कौन हो सकता है.

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'सामना' के संपादकीय में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए लिखा गया है, 'कांग्रेस में प्रणिति शिंदे को मंत्री पद नहीं मिला. वह कर्तव्‍यवान हैं और मंत्री पद के लिए योग्‍य भी, लेकिन कांग्रेस के हिस्‍से में जो 12 का कोटा (मंत्री पद) आया उसमें उनका नाम नहीं था. ऐसे में उनके समर्थकों ने नाराज होकर सोनिया व राहुल गांधी को खून से पत्र भी लिखा. कांग्रेस से शिंदे परिवार का खून का रिश्‍ता है. गांधी परिवार के चलते ही सुशील कुमार शिंदे महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री से लेकर देश के गृह मंत्री भी रहे. यह प्रणिति शिंदे को समझना चाहिए और खून को व्‍यर्थ में बर्बाद करने की बदले अगले राजनीतिक युद्ध के लिए सुरक्षित रखना चाहिए.'

सामना में आगे लिखा गया है, 'कांग्रेस विधायक संग्राम थोप्‍टे को भी मंत्री पद नहीं मिला. उनके समर्थकों ने भी हुड़दंग (राड़ा) किया. कांग्रेस पहले शिवसेना पर कई बार 'राड़ेबाज' (हुड़दंगी) होने का आरोप लगाती रही है, लेकिन थोप्‍टे के समर्थकों द्वारा किया गया काम कांग्रेस को हुड़दंगी नहीं लगता है. 'हुड़दंगी' शब्‍द कांग्रेस की संस्‍कृति को शोभा नहीं देता है.'

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अंत में उद्धव ठाकरे का नाम लिए बिना संपादकीय में कहा गया, 'अंत तक मंत्री के दो-चार पद खाली रखकर नाराज लोगों को नारियल और गुड़ का प्रसाद दिखाते रहने का काम मुख्यमंत्री ने नहीं किया. एक मजबूत और अनुभवी मंत्रिमंडल सत्ता में है. उन्हें काम करने दें.'

Source : News Nation Bureau

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