Maharashtra Political Crisis : महाराष्ट्र की सियासत के लिए आज अहम दिन, SC के फैसले से शिंदे सरकार का भविष्य होगा तय, जानें पूरा मामला

Maharashtra Politics : महाराष्ट्र की सियासत के लिए आज का दिन बहुत ही अहम है. सूबे में सीएम एकनाथ शिंदे की सरकार बचेगी या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाएगा. शिवसेना में टूट और पाला बदलने वाले शिंदे समेत 16 विधायकों का भविष्य भी तय होगा.

Maharashtra Politics : महाराष्ट्र की सियासत के लिए आज का दिन बहुत ही अहम है. सूबे में सीएम एकनाथ शिंदे की सरकार बचेगी या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाएगा. शिवसेना में टूट और पाला बदलने वाले शिंदे समेत 16 विधायकों का भविष्य भी तय होगा.

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Deepak Pandey
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Maharashtra Politics( Photo Credit : File Photo)

Maharashtra Political Crisis : महाराष्ट्र की सियासत के लिए आज का दिन बहुत ही अहम है. सूबे में सीएम एकनाथ शिंदे की सरकार बचेगी या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाएगा. शिवसेना में टूट और पाला बदलने वाले शिंदे समेत 16 विधायकों का भविष्य भी तय होगा. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, कृष्ण मुरारी, हिमा कोहली और पीएस नरसिम्हा की बेंच में पिछले करीब 10 महीने तक इस पूरे मामले की सुनवाई हुई है.  

जानें क्या है पूरा केस?

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आपको बता दें कि बीते साल जून के महीने में शिवसेना के 16 विधायकों ने तत्कालीन उद्धव सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी, जिसकी वजह से उद्धव ठाकरे को सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी. तत्कालीन डिप्टी स्पीकर ने बागी विधायकों के खिलाफ नोटिस जारी कर अयोग्यता की कार्यवाही की. बागी विधायकों ने जवाब देते हुए एक पत्र भेजकर कहा कि डिप्टी स्पीकर के प्रस्ताव को प्रॉपर चैनल से नहीं भेजा गया. इस बीच गर्वनर ने विधानसभा में उद्धव ठाकरे को विश्वास मत हासिल करने के लिए फ्लोर टेस्ट के लिए कहा, लेकिन उन्होंने फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले ही सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. गर्वनर की इस कार्रवाई के खिलाफ उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की. 

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उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद एकनाथ शिंदे गुटे ने सूबे में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ मिलकर सरकार बनाई और चुनाव आयोग में असली शिवसेना होने का दावा ठोंक दिया. इस पर चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे को असली शिवसेना मानते हुए उन्हें पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न तीर-धनुष सौंप दिया. उद्धव ठाकरे गुट ने EC के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. बागी 16 विधायकों की सदस्यता और शिवसेना को लेकर दायर अर्जियों को गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 5 सदस्यीय संविधान पीठ गठित कर दी.

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