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महाराष्ट्र की राजनीति पर कांग्रेस और एनसीपी के बीच चली गुप्त बैठक, सरकार बनाने पर मंथन जारी

महाराष्ट्र में किसी पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए बहुमत न होने की वजह से राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है.

Updated on: 13 Nov 2019, 09:54 PM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में किसी पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए बहुमत न होने की वजह से राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है. इसे लेकर जहां बीजेपी ने सरकार बनाने के लिए इनकार कर दिया है तो वहीं कांग्रेस और एनसीपी शिवसेना को समर्थन देने को लेकर लगातार मंथन कर रही है. इस बीच पहले खबर आई कि कांग्रेस और एनसीपी की बैठक रद्द हो गई है, लेकिन बाद में पता चला कि दोनों पार्टियों के बीच गुप्त मीटिंग चल रही है.

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एनसीपी नेता जितेंद्र अवध ने कहा कि कुछ बातों को गोपनीय रखा जाता है, इसलिए मीडिया से अजीत पवार ने कहा कि एनसीपी-कांग्रेस की बैठक रद्द हो गई. बैठक चल रही है और अजीत पवार बैठक में मौजूद हैं. कांग्रेस-एनसीपी के बीच सब ठीक चल रहा है. जितेंद्र ने कहा कि अजीत पवार रद्द बैठक और बारामती जाने के बारे में मजाक कर रहे थे.

शिवसेना विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि पार्टी के सभी फैसले उद्धव ठाकरे ही लेंगे. उन्होंने एनसीपी-कांग्रेस के साथ गठबंधन पर भी बात की है. फिलहाल, इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कह सकता हूं. बस इतना कहना है कि एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना के बीच सबकुछ ठीक है.

मुंबई में कांग्रेस-एनसीपी की बैठक रद्द नहीं हुई है. मुंबई के एक होटल में दोनों दलों के बीच बैठक चल रही है. इस मीटिंग में एनसीपी के जयंत पाटील, अजीत पवार, छगन भुजबल, धनंजय मुंडे और नवाब मलिक मौजूद हैं. वहीं, कांग्रेस की ओर से बैठक में पूर्व मुख्यमंत्रियों अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण, राज्य इकाई के प्रमुख बालासाहेब थोरात, माणिकराव ठाकरे व विजय वडेट्टीवार शामिल हुए हैं.

बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इससे पहले किसी भी राज्य में सरकार बनाने के लिए इतना समय नहीं दिया गया था. महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 18 दिन दिए गए थे. राज्यपाल ने विधानसभा कार्यकाल समाप्त होने के बाद एक-एक करके सभी पार्टियों को आमंत्रित किया है. सरकार बनाने को लेकर न तो हमने दावा किया, न शिवसेना और न ही कांग्रेस और एनसीपी ने. अगर आज भी किसी पार्टी के पास संख्या है तो वह राज्यपाल से संपर्क कर सकती है. हमें शिवसेना की शर्तें मंजूर नहीं हैं.

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उन्होंने आगे कहा कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उचित कदम उठाया है. आज जिसके पास बहुमत है वो राज्यपाल के पास जा सकते हैं. सबके पास समय है और कोई भी जा सकता है. राष्ट्रपति शासन से सबसे ज्यादा बीजेपी का नुकसान हुआ है. शिवसेना की शर्तें हमें मंजूर नहीं थीं. ये पहले से तय था कि अगर महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की सरकार आती है तो देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री होंगे. मैं नहीं चाहता की मध्यावधि चुनाव हो.

अमित शाह ने आगे कहा कि राज्यपाल ने सभी को 6 महीने का समय दे दिया है. बनाओ सरकार. राज्यपाल महोदय ने उचित फैसला लिया है. परंतु अभी सबके पास समय है कोई भी जा सकता है. कपिल सिब्बल जैसे वरिष्ठ वकील ऐसा बयान देते हैं कि मौका नहीं मिला तो यह उनका बचकाना बयान है. वो दो दिन का समय मांग रहे थे हमने ने तो छह महीने का समय दिया है. उन्होंने आगे कहा कि हम अकेले सरकार नहीं बना सकते हैं. हमारे पास संख्या है. जो लोग कह रहे हैं कि हम सरकार बना सकते हैं तो भाई सरकार बनाओ.