महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले ही राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला लगातार जारी है, ऐसे में अब छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति टूटकर गिरने के बाद नया बवाल शरू हो गया है. अब इस मामले को लेकर एनसीपी नेता अजित पवार का बयान सामने आया है. उन्होंने भरी जनता के बीच माफी मांगी है.
अजित पवार ने कहा है कि शिवाजी हमारे भगवान है. मैं इसके लिए महाराष्ट्र के 13 करोड़ लोगों से माफी मांगता हूं. इस मामले में जो भी दोषी है, चाहे वह वरिष्ठ अधिकारी हों या निचले अधिकारी. उसके खिलाफ जांच की जाएगी और सजा दी जाएगी. अगर ठेकेदार है तो उस ठेकेदार को काली सूची में डाला जाना चाहिए.
मूर्ति का गिरना हम सभी के लिए झटका
अजित पवारने आगे कहा कि शिवाजी की मूर्ति का गिरना हम सभी के लिए झटका है. जिसने भी यह किया, उन्होंने क्यों किया, इसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि मूर्ति लगने के एक साल के भीतर इसका गिरना चौंका देने वाला है. जो हुआ वो ठीक नहीं. बता दें कि अजित पवार लातूर जिले के अहमदपुर में आयोजित लड़की बहिन संवाद कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे.
इस दौरान अजित पवार ने कहा कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा लगाते समय क्या भौगोलिक परिस्थितियों और जलवायु जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर साइंटिफिकट रिसर्च की गई थी? क्या प्रदेश सरकार ने मूर्ति बनाने में इस्तेमाल की गई सामग्री की क्वालिटी को जांचा था? हालांकि, जो भी जिम्मेदार है उसके खिलाफ खिलाफ तुरंत मामला दर्ज किया गया है.
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दो लोगों के खिलाफ FIR
गौरतलब है कि सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में स्थित इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 4 दिसंबर को किया था. फिलहाल, इस मामले में महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग पुलिस ने ठेकेदार जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इस मामले में पुलिस ने कई धाराओं में मामला दर्ज किया है. शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के मामले में सिंधुदुर्ग पुलिस ने कहा कि, "छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना में पुलिस ने ठेकेदार जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 109, 110, 125, 318 और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया है."