महाराष्ट्र: कहीं BJP के दूसरे येदियुरप्पा साबित न हो जाएं सीएम देवेंद्र फडणवीस

ऐसा पहली बार नहीं जब बीजेपी इस तरह की स्थिति में फंसी है. इससे पहले भी बीजेपी इस तरह सियासी घमासान में फंस चुकी है.

author-image
Aditi Sharma
एडिट
New Update
महाराष्ट्र: कहीं BJP के दूसरे येदियुरप्पा साबित न हो जाएं सीएम देवेंद्र फडणवीस

सीएम देवेंद्र फडणवीस और बीएस येदियुरप्पा( Photo Credit : फाइल फोटो)

महाराष्ट्र में जारी हाई वोल्टेज ड्रामा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. पहले महाराष्ट्र में एक महीने तक शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के बीच सरकार बनाने को लेकर लगातार कवायद चलती रही. इसके बाद तीनों पार्टियों के बीच किसी तरह सहमति बनी तो अचानक बीजेपी ने एंट्री मारते हुए सरकार बना ली और इसमें उनका साथ दिया एनसीपी नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने. बीजेपी के इस कदम से क्या उद्ठ ठाकरे, क्या सरद पवार, हर कोई दंग रह गया. बताया जा रहा है कि अजित पवार बीजेपी के साथ मिलकर क्या खिचड़ी पका रहे थे, इसकी कानों-कान खबर शरद पवार तक को नहीं थी. बीजेपी के सरकार बनाने के साथ ही अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है.

Advertisment

रविवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के आदेश और सीएम देवेंद्र फडणवीस द्वारा दिए गए समर्थन पत्र को पेश करने का आदेश सुनाया है जिसके बाद ही आगे का फैसला लिया जाएगा. ऐसे में अब महाराष्ट्र में बीजेपी का भविष्य क्या होगा ये पूरी तरह आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा. वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र के पूरे घटनाक्रम को ध्यान से देखे तो समझ आएगा कि ऐसा पहली बार नहीं जब बीजेपी इस तरह की स्थिति में फंसी है. इससे पहले भी बीजेपी इस तरह सियासी घमासान में फंस चुकी है. तब ये स्थिति कर्नाटक में थी. इससे एक बड़ा सवाल ये उठता है कि कहीं सीएम देवेंद्र फडणवीस BJP के दूसरे येदियुरप्पा तो साबित नहीं होने वाले?ॉ

यह भी पढ़ें: यूं ही नहीं आत्‍मविश्‍वास से लवरेज हैं अजीत पवार, नया स्‍पीकर चुने जाने तक बने रहेंगे विधायक दल के नेता

क्या थी कर्नाटक की स्थिति?

साल था 2018 जब कर्नाटक विधानसभा चुनाव हुए और उसमें बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी. सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राज्यपाल वजुभाई वाला ने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए निमंत्रण भेजा जिसके बाद और  नेता बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. हालांकि कांग्रेस-जेडीएस ने इसका विरोध किया और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. दोनों पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट के सामने जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट कराए जाने की मांग रखी जिसके बाद कोर्ट ने 19 मई 2018 को फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया. इससे पहेल राज्यपाल ने बीजेपी को फ्लोर टेस्ट के लिए एक हफ्ते का समय दिया था लेकिन कांग्रेस-जेडीएस की मांग थी फ्लोर टेसट जल्द से जल्द हो ताकी बीजेपी को विधायकों की खरीद फरोख्त का मौका न मिले. फ्लोर टेस्ट से पहले बीजेपी ने उस समय भी काफी माहौल बनाया था कि कांग्रेस-जेडीएस के विधायकों का समर्थन उसके साथ है लेकिन यह सब धरा का धरा रह गया और बीजेपी फ्लोर टेस्ट में फेल हो गई.

यह भी पढ़ें: अब्‍बास मस्‍तान की फिल्‍मों से कम नहीं है महाराष्‍ट्र का सियासी ड्रामा, सस्‍पेंस-रोमांच का है भरपूर फ्लेवर

एक दिलचस्प बात ये भी थी कि उस समय बीजेपी के पास 104 विधायक थे और इस बार महाराष्ट्र में भी बीजेपी के पास 105 विधायक है. और इस बार भी बीजेपी कांग्रेस-एनसीपी के विधायकों को लेकर वैसी ही हवा बनाने की कोशिश कर रही है जैसे कर्नाटक में की थी.ऐसे में अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकीं हुई हैं. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही बीजेपी और शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी का भविष्य तय होगा.

maharashtra Karnataka ShivSena BJP CM BS yediyurappa
      
Advertisment