Maharashtra political Crisis: उद्धव ठाकरे की इस गलती से बच गई शिंदे सरकार, SC ने की ये टिप्पणी
Maharashtra Political Crisis : एकनाथ शिंदे बनाम उद्धव ठाकरे के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला दिया है. महाराष्ट्र के 16 विधायकों के अयोग्यता मामले को बड़ी बेंच को सौंप दिया गया है.
highlights
- महाराष्ट्र विवाद पर 7 जजों की बेंच करेगी विचार
- चुनाव आयोग जारी कर सकता है सिंबल : SC
- शिंदे गुट के गोगावले को चीफ व्हिप बनाना गलत
नई दिल्ली:
Maharashtra Political Crisis : एकनाथ शिंदे बनाम उद्धव ठाकरे के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला दिया है. महाराष्ट्र के 16 विधायकों के अयोग्यता मामले को बड़ी बेंच को सौंप दिया गया है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को फैसला पढ़ते हुए कहा कि महाराष्ट्र विवाद पर 7 जजों की बेंच विचार करेगी. शिवसेना पर EC के फैसले को लेकर CJI ने कहा कि चुनाव आयोग सिंबल जारी कर सकता है. (Maharashtra Political Crisis)
CJI ने कहा कि बड़ी बेंच को यह तय करना है कि जब स्पीकर को पद से हटाने का नोटिस लंबित हो तब क्या दल बदल कानून के तहत स्पीकर को अयोग्यता पर फैसला करने का अधिकार है या नहीं. CJI ने कहा कि नबाम राबिया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि स्पीकर ऐसी सूरत में अयोग्यता पर फैसला नहीं कर सकता, इसलिए संविधान पीठ ने इस मुद्दे को बड़ी बेंच को भेज दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि स्पीकर को सिर्फ राजनीतिक दल द्वारा नियुक्त व्हिप को ही मान्यता देनी चाहिए. स्पीकर को गोगावले को व्हिप की मान्यता नहीं देनी चाहिए थी. SC ने कहा कि स्पीकर ने व्हिप को जांच करने की कोशिश नहीं थी. उन्हें व्हिप की जांच करके ही फैसला लेना चाहिए था.
CJI ने कहा कि हमने गवर्नर की भूमिका के बारे में भी विस्तार से आदेश में लिखा है, क्योंकि याचिकाकर्ता ने उनकी भूमिका पर सवाल उठाया है. कोर्ट ने कहा कि पार्टी के आंतरिक विवादों को सुलझाने के लिए फ्लोर टेस्ट का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. फ्लोर टेस्ट का आधार सही नहीं था. राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट के लिए बुलाना सही नहीं था.
यह भी पढ़ें : Delhi CM vs LG Case: SC का बड़ा फैसला, दिल्ली सरकार के पास रहेगा ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार
राज्यपाल के फैसले को ही सीजेआई ने असंवैधानिक करार दिया है. CJI ने कहा कि अगर उद्धव ठाकरे फ्लोर टेस्ट का सामना करके बाद इस्तीफा देते तो उन्हें मिल सकती थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह उद्धव सरकार की बहाली का आदेश नहीं दे सकता, क्योंकि उन्होंने फ्लोर टेस्ट का सामना किए बिना इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, फ्लोर टेस्ट के लिए राज्यपाल का फैसला गलत था और शिंदे गुट का व्हिप नियुक्त करने में स्पीकर गलत थे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गवर्नर को पत्र पर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए थी, जिसमें दावा किया गया था कि उद्धव सरकार के पास बहुमत नहीं है. SC ने कहा कि महाराष्ट्र में यथास्थिति बहाल नहीं की जा सकती है. मौजूदा सरकार बनी रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मौजूदा स्पीकर अयोग्यता पर फैसला लें.
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